- अब तक 31 हजार 8 व्यक्तियों का किया गया है मलेरिया जांच
- मलेरिया मुक्त बलरामपुर के लिए 30 जनवरी 2021 तक चलाया जायेगा सघन अभियान
आफताब आलम/ बलरामपुर : मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत जिले में मलेरिया के रोकथाम हेतु बचाव उपाय को अपनाने के लिए जनजागरूकता तथा रक्त जांच द्वारा मलेरिया परजीवी के लक्षण पाये जाने पर इलाज किया जा रहा है। बलरामपुर जिले में कुल 70 ग्रामों में स्वास्थ्य दलों द्वारा दूर-दराज व पहंुच विहीन क्षेत्रों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा मितानिन खून की जांच कर रहे हैं। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने में जिले के स्वास्थ्यकर्मी भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए बलरामपुर को भी मलेरिया मुक्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। मलेरिया परजीवी को जड़ से मिटाने के लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत विकासखण्ड बलरामपुर के 16 ग्राम, वाड्रफनगर के 15 ग्राम, रामानुजगंज के 26 ग्राम, शंकरगढ़ के 6 ग्राम तथा कुसमी के 7 गांव में घर-घर पहुंचकर सर्वे किया जा रहा है। जिसकी विशेष निगरानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बसंत कुमार सिंह द्वारा की जा रही है। स्वास्थ्य दलों ने अब तक जिले में कुल 25 हजार 749 घरों का सर्वे कर 31 हजार 8 व्यक्तियों का रक्त जांच किया है। जिसमें कुल पीव्ही 3 व पीएफ 2 अर्थात 5 व्यक्ति मलेरिया पॉजीटिव पाये गये है। यह अभियान 30 जनवरी 2021 तक चलाया जायेगा जिसमें 1 लाख 11 हजार 650 व्यक्तियों का मलेरिया जांच किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मलेरिया संक्रमण से रक्त की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया की स्थिति निर्मित हो सकती है। साथ ही मलेरिया के कारण हीमोलिसिस होने से प्रोटीन तथा शरीर के अन्य पोषक तत्वों का भी हा्रस होता है, जिससे शारीरिक कमजोरी आती है। मलेरिया पाये जाने पर सर्वे दल द्वारा अपने सामने ही दवा की खुराक मरीज को खिलाई जा रही है तथा गंभीर प्रकरण पाये जाने पर समीप के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय में रिफर करने की व्यवस्था भी की गयी है। उपरोक्त गतिविधियों के साथ-साथ दलांे द्वारा कोविड के लक्षण वाले लोगों की भी जानकारी ली जा रही है तथा उन्हें जागरूक किया जा रहा है।