- 1172 मलेरिया पाॅजिटीव पाये गये
बालकृष्ण मिश्रा/ सुकमा : वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत सुकमा जिले में मलेरिया टेस्ट के लिए स्वास्थ्य विभाग के टीम द्वारा घर-घर जाकर व्यक्तियों के खून की जांच की जा रही है। वहीं मलेरिया पाॅजिटीव पाये जाने पर प्रभावित व्यक्तियों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। दुर्गम क्षेत्र और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम दुर्गम गांवों में पहुंच रहे हैं और लोगों के घर-घर जाकर मलेरिया की जांच की जा रही है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के अंतर्गत जिले के सुकमा, छिंदगढ़ और कोंटा विकासखण्ड में 15 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक 12 हजार 540 घरों में जाकर 50 हजार 314 व्यक्तियों की खून की जांच किया गया। इसमें से 1172 व्यक्ति मलेरिया पाॅजिटीव पाये गये। इनमें 43 व्यक्ति पी.व्ही. मलेरिया, 1105 पी.एफ. मलेरिया और 24 मिश्रित मलेरिया से पीड़ित पाये गये। इसी प्रकार 451 गर्भवती माताओं की भी मलेरिया जांच की गई, जिनमें 17 महिलायें मलेरिया से पीड़ित पाये गये। मलेरिया प्रभावित सभी व्यक्तियों का निःशुल्क दवाई दिया जाकर उपचार किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सीबीपी बंसोड़ ने बताया कि मलेरिया पीड़ित व्यक्ति को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा अपने समक्ष बिस्कुट अथवा अन्य भोज्य पदार्थ खिलाकर मलेरिया दवाई की पहली खुराक दी जाती है तथा पीड़ित व्यक्ति द्वारा पूरी दवाई खा लेने के बाद दवाई का खाली किट उससे वापस ले लिया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके द्वारा दवाई का सेवन किया गया है। उन्होंने बताया कि एनीमिया का एक बड़ा कारण मलेरिया भी है। मलेरिया संक्रमण से रक्त की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया की स्थिति निर्मित होती है। साथ ही मलेरिया के कारण हीमोलिसिस होने से प्रोटीन तथा शरीर के अन्य पोषक तत्वों का भी कमी हो जाती है। मलेरिया मुक्त अभियान न केवल मलेरिया से मुक्ति दिलायेगा, बल्कि एनीमिया, कुपोषण, शिशु एवं मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने में कारगर होगा। इस अभियान के अंतर्गत तीसरा चरण 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलेगा।