तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़। जिलें में पहुंचें बाघ का मूवमेंट रोजाना बदल रहा है। वन विभाग का पूरा अमला निगरानी में लगा हुआ है। षनिवार को ठेलकाडीह के तिलईभांठ में बाघ की दहाड़ सुनाई दी। जिसके बाद रविवार को षिकारीटोला में ग्रामीणों ने बाघ को देखा व उसकी दहाड़ भी सुनी। हालांकि अब तक बाघ ने किसी तरह का नुकसान तो नहीं पहुंचाया है, लेकिन दस्तक ने दहषत बना दी है। गांव-गांव में मुनादी कराकर जंगल जानें से मना किया गया है तथा ग्रामीण अकेले खेत भी नहीं जा रहे है। बाघ अब तक गांवों की सीमा तक तो नहीं पहुंचा है। लेकिन खेतों से होकर जंगल के रास्तें दस्तक दे रहा है। गीली जमीन में बाघ के पदचिन्ह देखकर ही बाघ के होनें का अनुमान लगाकर वन विभाग के अफसर नजर रखें हुए है। रविवार दोपहर को घोठिया की ओर चहलकदमी की खबर मिली। इधर बाघ के लगातार मूवमेंट बदलनें की वजह से वन विभाग के अफसरों को खासी मषक्कत करनी पड़ रही है। रविवार को वन अमला घोठिया व आस-पास के गांवों में तैनात रहा। ग्रामीणों को अकेले आवाजाही करनें व जंगल जानें से मना किया गया है। पदचिन्ह देखकर अफसरों का अनुमान है कि बाघ व्यस्क है। घोठिया के जंगल होकर बोरतलाव की ओर बढऩें का भी अनुमान है। अफसर यह भी आषंका जता रहे है कि जंगल के रास्तें बाघ मध्यप्रदेष व महाराश्ट्र भी पहुंच सकता है। फिलहाल डोंगरगढ़ ब्लॉक में मूवमेंट होनें की वजह से निगरानी रखी जा रही है। फॉरेस्ट एसडीओ टीए खान ने बताया कि षिकारीटोला के ग्रामीणों ने बाघ देखा। जिसके बाद मूवमेंट घोठिया की ओर मिला। वन अमला लगातार निगरानी रखा हुआ है। अफसर अनुमान लगा रहे है कि कान्हा केसली अभ्यारण से बाघ भटककर पहुंचा होगा। महीनें भर पूर्व बावानाला व लालबांधा में बाघ की दहाड़ सुनाई दी थी।
शिकारीटोला में दिखा बाघ, घोठिया में भी चहलकदमी, अमला रख रहा निगरानी।
