- प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों से की बात, भू-अर्जन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के दिए निर्देश
आफताब आलम/ बलरामपुर : छत्तीसगढ़ से प्रवाहित होने वाली कन्हर नदी पर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के दुधी तहसील में अमवार तथा कुदरी गांव में कन्हर सिंचाई परियोजना के लिए डैम का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त डैम के निर्माण के कारण उत्तरप्रदेश से लगने वाले छत्तीसगढ के सीमावर्ती छः गांव प्रभावित होंगे। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने निर्माणाधीन डैम तथा प्रभावित क्षेत्र का अवलोकन किया एवं डूब क्षेत्र के ग्रामीणों से बात की। छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश के सीमा पर बनने वाले कन्हर सिंचाई परियोजना से विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के त्रिशुली, झारा, कुशफर, सेमरवा, कामेश्वरनगर तथा धौली गांव प्रभावित हो रहा है। डैम का अवलोकन करने पहुंचे कलेक्टर श्री धावड़े ने तकनीकी विशेषज्ञों से सिंचाई परियोजना की सूक्ष्म जानकारी ली तथा पावर पॉइंट के माध्यम से निर्माणाधीन संरचनाओं की उपयोगिता समझी एवं परियोजना से होने वाले लाभ के बारे में जाना। कन्हर सिंचाई परियोजना के अधिशासी अभियंता विनय कुमार सिंह ने कलेक्टर श्री धावड़े को बताया कि परियोजना की लागत लगभग 22 अरब रुपए है तथा छत्तीसगढ़ राज्य की 360 हेक्टेयर भूमि परियोजना डैम निर्माण से डूब क्षेत्र में आने के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगी एवं 32 परिवार विस्थापित होंगे। क्षतिपूर्ति राशि शासन के पक्ष में हस्तांतरित कर दी गई है तथा विस्थापितों के लिए मुआवजा राशि एवं पुनर्वास की व्यवस्था का कार्य तेजी से चल रहा है। कलेक्टर श्री धावड़े ने सिंचाई परियोजना से आसपास के क्षेत्र में होने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि विस्थापितों को सभी सुविधाएं दी जाएगी तथा उनको अधिकार से वंचित न किया जाएगा। इसके पश्चात कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने ग्राम त्रिशूली पहुंचकर सिंचाई परियोजना के विस्थापित परिवार के सदस्यों से बात करते हुए कहा कि उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी। ग्राम त्रिशूली में विस्थापित परिवारों के लिए कॉलोनी के निर्माण कार्य जारी है जिसमें स्कूल एवं सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा आवास निर्माण के लिए राशि शीघ्र प्रदान की जाएगी। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रामानुजगंज को भूअर्जन प्रकरण का शीघ्र निराकरण कर प्रभावितों को मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि वे निश्चिंत रहे उनके अधिकारांे का हनन नहीं होगा। कलेक्टर तथा ग्रामीणों के बीच आत्मीयता के साथ संवाद हुआ और आमजनों ने प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रामानुजगंज श्री अभिषेक गुप्ता, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री उमाशंकर राम सहित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
मछली पालन को बढ़ावा देने तथा इसे अतिरिक्त आय का जरिया बनाने के लिए विभागीय अधिकारी गंभीरता से करें कार्य-कलेक्टर
कलेक्टर श्याम धावड़े एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीश एस. ने विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम जाबर में स्टॉप डैम, मत्स्य बीज प्रक्षेत्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया। मत्स्य बीज प्रक्षेत्र पहुंचकर उन्होंने मछली बीज उत्पादन की प्रक्रिया की जानकारी ली। मत्स्य बीज प्रक्षेत्र में उन्होंने ओव्हरहेडिंग टैंक, स्पॉन कलेक्शन एरिया, तालाब तथा मत्स्य आहार भंडार का अवलोकन कर उत्पादन का अनुकुल समय तथा क्षमता के बारे में जाना। अधिकारियों ने कलेक्टर को मछली बीज प्रक्षेत्र के क्षेत्रफल, तालाबों की संख्या तथा बीज उत्पादन के प्रक्रिया की आधारभूत जानकारी दी। कलेक्टर ने मछली पालन को बढ़ावा देने तथा इसे अतिरिक्त आय का जरिया बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों को गंभीरता से प्रयास करने को कहा। इसके पश्चात कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने कृषि विज्ञान केन्द्र का निरीक्षण किया। कृषि विज्ञान केन्द्र में उन्होंने कड़कनाथ पालन, मधुमक्खी पालन, बटेर पालन तथा मशरुम हट का अवलोकन कर इनके उत्पादन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी ली। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. व्ही. एन. गौतम ने कलेक्टर को बताया कि कृषकों को नई कृषि पद्धतियों तथा तकनीकी से अवगत कराने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। उन्होंने मधुमक्खी पालन तथा ऑयस्टर मशरूम उत्पादन इकाई प्रारंभ होने की जानकारी दी तथा बटन मशरूम इकाई के भी शीघ्र प्रारम्भ होने की बात कही। कलेक्टर द्वारा पूछने पर कृषि वैज्ञानिक डॉ. गौतम ने उन्हें वर्तमान में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित नवीन गतिविधियों तथा नई किस्म के फसलों के प्रदर्शन के संबंध में जानकारी दी। मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट को भी शीघ्र प्रारम्भ करने के बारे में बताया। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने वैज्ञानिकों से कहा कि वे किसानों से सतत संपर्क में रहकर उन्हें उन्नत कृषि की जानकारी दें तथा प्रोत्साहित करें।
कलेक्टर ने हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर का किया निरीक्षण
जिले में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए तथा दूरस्थ इलाकांे तक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार तथा बेहतर क्रियान्वयन के लिए प्रशासन प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े समय-समय पर विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने विकासखण्ड कुसमी के चान्दो तथा बसकेपी के हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर का औचक निरीक्षण किया। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर चान्दो में उन्होंने प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले मरीजों की औसत संख्या, डॉक्टरों, नर्सों तथा दवाइयों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सकों से महीने में संस्था में होने वाले औसत प्रसव की संख्या पूछी तथा प्रसव कक्ष में सभी जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में पदस्थ फार्मासिस्ट सुनीता पैंकरा ने कलेक्टर को दवाइयों का स्टोर रूम दिखाया। दवाइयां व्यवस्थित ढंग से रखी गई है तथा सभी दवाइयों के साथ उसकी एक्सपायरी डेट को अलग से लिखा गया है, इस व्यवस्था को देखकर कलेक्टर ने प्रसन्नता व्यक्त की। सुरक्षा की दृष्टि से हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर में बाउंड्री वाल का निर्माण कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने की बात कही। इसके पश्चात उन्होंने बसकेपी स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को देखकर कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताई तथा सही निर्माण कार्य नहीं होने से स्वास्थ्यकर्मी तथा मरीजों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी श्री दीपक निकुंज को तत्काल सुधार कार्य करने तथा निर्माणकर्ता के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर में पदस्थ एएनएम अलका कुजूर से सेन्टर में होने वाले प्रसव तथ दवाईयों एवं जरूरी उपकरणों के उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। सेन्टर में पानी की व्यवस्था न होने की जानकारी मिलने पर तत्काल लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से बोर खनन करने को कहा।

