बलरामपुर : छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर दो सालों में हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमने गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ लक्ष्य को लेकर सभी वर्गों के विकास के लिए अनेकों योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किये हैं। प्रदेश की जनता से किए वायदे पर हमारी सरकार ने पहले ही दिन से ही अमल शुरू किया। शपथ ग्रहण के तत्काल बाद ही किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए में धान खरीदी के निर्णय लिए गए। राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षा में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वनआश्रितों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं सहित प्रदेश के सभी वर्गो के विकास के लिए कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा है कि गांव से लेकर शहर तक राज्य की खुशहाली, आर्थिक समृद्धि, तरक्की के लिए इन दो वर्षों में हमने 24 बड़े-बड़े वायदे पूरे किए हैं। आने वाले पांच वर्षों में सभी वायदे पूरे किए जाएंगे। प्रेसवार्ता में श्री राजवाड़े ने कहा कि प्रदेश के 18 लाख किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ, जल कर के रूप में 17 लाख किसानों का 244 करोड़ रुपए बकाया माफ, बस्तर जिले में किसानों की 1764.61 हेक्टेयर अधिग्रहित भूमि वापस, किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू, 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता चार किश्तों में, तीन किश्तों में 4500 करोड़ रूपये का भुगतान,अंतिम किश्त आगामी मार्च महीने में दी जाएगी। राज्य मंे 6430 गौठान स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 4487 निर्मित हो चुके हैं। इन गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ ही ग्रामीणों विशेषकर समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए अनेक आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने देश में अपने तरह की पहली अनूठी योजना-गोधन न्याय योजना शुरू की, जिसके तहत 2 रुपए किलो की दर से गोठानों में गोबर की खरीदी की जा रही। इस योजना के माध्यम से जैविक खेती, पशुओं की देखभाल के साथ फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई, साथ ही किसानों की अतिरिक्त आय का यह जरिया साबित हुई है। गोधन न्याय योजना के तहत अब एक करोड़ 36 लाख गोबर विक्रेताओं को 59 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। राज्य सरकार ने गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट की न्यूनतम विक्रय दर को 8 रूपए से बढ़ाकर 10 रूपए कर दिया है। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े नालों को पुनर्जीवित करने एवं जल संरक्षण तथा भू-जल संवर्धन के लिए सभी जिलों में नरवा विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1028 नालों का चयन कर संवर्धन की योजना बनाई गई है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ के कृषि सहित सभी क्षेत्रों में आर्थिक तेजी रही। रिजर्व बैंक सहित अनेक राष्ट्रीय एजेंसियों ने इसे सराहा है। लाख की खेती के लिए किसानों को अब सहकारी समितियों से अन्य फसलों की तरह अल्पकालीन ऋण सुविधा दी गई है। कृषि पंप ऊर्जीकरण के लिए विद्युत लाइनों के विस्तार हेतु प्रति पंप एक लाख रुपए का अनुदान। दो वर्षों में 57 हजार से अधिक पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है। 3 हार्स पावर तक कृषि पंपों में 6000 यूनिट प्रतिवर्ष एवं 03 से 05 हार्स पावर के कृषि पंपों में 7500 यूनिट प्रति वर्ष छूट दी गई है। इसके अलावा फ्लेट रेट में बिजली प्राप्त करने का भी विकल्प। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं पूरी बिजली निःशुल्क। विद्युत पहुंच विहीन क्षेत्रों में दो वर्षों में 25000 से अधिक सोलर पंपों की स्थापना। विभिन्न योजनाओं के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि 2 गुना से बढ़ाकर अब 4 गुना कर दिया गया है। 57 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना। 29 पशु औषधालयों, कृत्रिम गर्भाधान केंद्रों का पशु चिकित्सालयों में उन्नयन किया गया। मनरेगा से इस वर्ष अब तक करीब 27 लाख परिवारों के करीब 51 लाख श्रमिकों को काम मिला तथा साढ़े दस करोड़ मानव दिवस रोजगार का सृजन कर 2305 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान की गई। प्रदेश में इस साल 1.28 लाख परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया गया है। वन अधिकार पट्टाधारी 21 हजार से अधिक परिवारों को भी 100 दिनों से अधिक का रोजगार दिया गया है। मनरेगा अभिसरण से धान उपार्जन केंद्रों में 6692 पक्के चबूतरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से जटिल एवं गंभीर लोगों के इलाज के लिए 20 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है। प्रदेश के 9 जिला अस्पतालों में कैंसर के मरीजों के लिए निःशुल्क कीमोथेरेपी और 5 जिला अस्पतालों में किडनी रोगों के पीड़ितों के लिए डायलिसिस सुविधा प्रारम्भ की गई है। लॉकडाउन की अवधि में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत नियमित रूप से 3 लाख 34 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन का वितरण किया गया और 2 लाख 36 हजार बच्चों और महिलाओं को अन्य पौष्टिक आहार प्रदान किया गया। ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संर्वधन एवं उन्हें विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ने के लिए गरीब परिवारों की 6 लाख 12 हजार महिलाओं को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 55 हजार 864 स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया। संसदीय सचिव श्री पारसनाथ राजवाड़े ने विभागवार दो वर्ष पूरा होने पर राज्य सरकार की उलब्धियां बताई। उन्होंने पत्रकारों के लिए वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि के राशि पांच हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर दस हजार रूपये प्रतिमाह करने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पात्रता के लिए आयु सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की गई है। अधिमान्यता संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पहली बार विकासखण्ड स्तर के पत्रकारों के लिए अधिमान्यता का प्रावधान किया गया है।