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रायपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू

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रायपुर : पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में एमबीबीएस की कक्षाएं आज से प्रारंभ हो गई हैं। राज्य शासन के निर्देशानुसार कोविड-19 संबंधी सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं एवं मानकों का पालन करते हुए एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू की गई हैं। चिकित्सा महाविद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को अध्ययन, क्लीनिकल पोस्टिंग और व्याख्यान कक्षों की शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कक्षाएं आज से प्रारंभ की गई हैं। सभी छात्र-छात्राओं को कक्षाओं एवं परिसर में शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है। विशेष व्यवस्था के तहत अध्ययन के लिए छात्र-छात्राओं को ए, बी, सी, डी, ई एवं एफ यानि छह समूहों में बांटा गया है। प्रत्येक समूह में केवल 30 छात्र-छात्राएं ही हैं और वे सभी कक्षा में अध्ययन के दौरान कोविड-19 के मानक प्रोटोकॉल का पालन करेंगे। अध्ययन के लिए चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचे विद्यार्थियों को अभिभावक का सहमति-शपथ पत्र लाना अनिवार्य है। साथ ही सभी विद्यार्थियों को कोविड-19 की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट जो कि रायपुर पहुंचने के अधिकतम पांच दिन पहले की न हो, लाना अनिवार्य है।चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ाई शुरू होने के पहले दिन आज लेक्चर हॉल-1 में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की कक्षा के पहले सत्र में एनाटॉमी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मानिक चटर्जी ने पेल्विस बोन की संरचना, हिस्टोलॉजी लेबोरेट्री-1 में प्राध्यापक डॉ. चटर्जी ने गाल ब्लेडर के हिस्टोलॉजिकल स्ट्रक्चर, थ्योरी की क्लास में सहायक प्राध्यापक डॉ. दिवाकर धुरंधर ने पेरिटोनियम एवं डॉ. प्रवीण बंजारे ने मेल जेनिटल आर्गन के बारे में तथा डॉ. जागृति अग्रवाल ने स्टमक के बारे में पढ़ाया। डॉ. प्रारब्ध अग्रवाल ने लंग्स एवं ट्रेकिया की हिस्टोलॉजी के बारे में तथा डॉ. रजनी ठाकुर ने स्प्लीन पर लेक्चर दिया। हिस्टोलॉजी लेक्चरर हाल में सहायक प्राध्यापक डॉ. कुशाल चक्रवर्ती ने छोटी आंत की आंतरिक संरचना के बारे में छात्रों को जानकारी दी। डिसेक्शन हाल में एब्डॉमन डिसेक्शन के बारे में आज विद्यार्थियों को बताया गया।

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