- सरंगपाल संगम महानदी की सूरत बिगाड़ने लग गए रेत के तस्कर…!!
अक्कू रिजवी/ कांकेर : कांकेर अब एक प्रकार से रेत तस्करों का गढ़ ही बन चुका है ,जहां से अनेक छोटी-बड़ी नदियों के किनारों से रेत की चोरी तस्करी कर कई माफिया करोड़पति बन चुके हैं तथा कई तस्कर जो कल तक भुक्खड़ की श्रेणी में आते थे ,वह भी लख पति, करोड़पति बनने की राह पर हैं। कांकेर शहर से थोड़ी ही दूर पर स्थित ग्राम सरंग पाल एक ऐतिहासिक स्थान है जहां महानदी में उसकी दो सहायक नदियों का संगम होता है। इस इस तरह सरंगपाल पवित्र त्रिवेणी संगम के नाम से सारे छत्तीसगढ़ में जाना जाता है। यहां महानदी के तट पर पहले लाखों टन रेत पड़ी रहती थी जहां मेला भी लगा करता था और आने वाले यात्री पवित्र संगम में स्नान करते थे अब रेत के तस्करों ने इतनी चोरी कर ली है कि पवित्र संगम में रेत की जगह कीचड़ के डबरे दिखाई देने लगे हैं। खेद का विषय है यह कीचड़ भरे गंदे डबरे कांकेर के संबंधित अधिकारियों को दिखाई नहीं देते, बाकी सबको दिखाई देते हैं अधिकारियों को तो जेसीबी तथा हाईवा भी दिखाई नहीं देते जो रेत की तस्करी करने के सबसे बड़े उपकरण हैं। खनिज विभाग में स्टाफ की कमी है किंतु अन्य विभाग उन्हें उचित मदद नहीं पहुंचाते अधिकारियों को अधिक दिन तक पद पर रहने नहीं दिया जाता। रह भी गए तो ठीक से काम करने नहीं दिया जाता। ऐसा प्रतीत होता है कि रेत तस्करों को ऊपर से भारी समर्थन है अब यह समर्थन मंत्री और नेताओं का है या पुलिस और प्रशासन का अथवा दादा ओं का। यह सोचने की बात है ।मुद्दे की बात यह है कि सरंग पाल से रेत की तस्करी तत्काल बंद की जानी चाहिए अन्यथा यह पवित्र संगम अपनी पहचान खो बैठेगा।