कमलेश रजक/ मुंडा : कृषि कानून के खिलाफ पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्य के किसानों का दिल्ली में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच किसान संगठनों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद का आव्हान किया था। दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के भारत बंद को छत्तीसगढ़ सरकार ने भी पूर्ण समर्थन दे दिया है। लेकिन मंगलवार को सुबह 12 बजे तक दुकाने बंद रहने के बाद पुनः सभी व्यवसायिक दुकाने खुली नजर आई। ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी लवन के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने लवन बंद को सफल बनाने का प्रयास किया लेकिन लवन बंद पूर्णतः असफल रहा। 11.30 बजे के बाद ही लोगों की पुनः दुकाने खुलना प्रारंभ हो गया था। दुकाने खुलते ही व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर लोगों की आवाजाही भी प्रारंभ हो गई। हालांकि सभी व्यवसायिक दुकानें सुबह 11 बजे तक नहीं खुली। वही समय होते ही आसपास ग्रामीणों व लोगों की चहल-पहल शुरू हो गई। कांग्रेस ने कहा कि केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों और तीन किसान विरोधी बिल पास किये जाने के खिलाफ देश भर के किसान संगठनों को आंदोलन करना पड़ रहा है। विभिन्न राज्यों में किसान संगठनों की ओर से प्रदर्शन किये जा रहे है। इस भीषण ठण्ड में केन्द्र सरकार के इसारे पर किसानों के साथ क्रुरता पूर्ण व्यवहार की जा रही है। इसके बावजूद किसान इन जनविरोधी मांग को वापस लेने की मांग पर एक इंच भी पीछे नहीं हटे है, वही केन्द्र सरकार किसानों की मांग को लगातार अनदेखा कर रही हैं। संसद के बाहर व अन्दर इन किसान विरोधी बिल के खिलाफ कांग्रेस हमेशा आगे रही है। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों के समर्थन में अपना पूर्ण समर्थन दिया है। और जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक किसानों के समर्थन में रहेंगे और आगे भी किसानों के जनआंदोलन पर पूर्ण समर्थन जारी रहेगा। इस दौरान ब्लाक अध्यक्ष देवी लाल बार्वे, अमर मिश्रा, दयाशंकर कुर्रे, आर.के. साहू. मनोज पाण्डेय, प्रताप डहरिया, ऋषि मिश्रा, टिहलू राम साहू, कल्ली मुल्ला अंसारी, रूपचंद मनहरे, महादेव कोसले सहित इत्यादि कांग्रेसजनों का सहयोग रहा।
किसानों के समर्थन को लेकर 8 दिसम्बर को बंद का रहा मिला-जुला असर
