किरीट ठक्कर/ गरियाबंद : गुमाश्ता एक्ट के परिपालन में आज नगर की दुकानें व व्यवसायिक संस्थान बंद रहे। विदित हो कि इस एक्ट को लेकर प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के समक्ष शिकायत की गई थी। इसके पूर्व जिला मुख्यालय के अधिकांश दुकानदार गुमास्ता कानून का उल्लंघन कर रहे थे। नगर में पिछले कई वर्षों से इस एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा था जिसकी वजह से व्यवसायिक संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश नही मिल पाता था। मामला प्रशासनिक संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने टीएल की बैठक में श्रम पदाधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिये थे। जिसके बाद पिछले दिनों कार्यालय श्रम पदाधिकारी द्वारा जिले के निकाय क्षेत्रों में स्थापित दुकानों एवं वाणिज्यिक स्थापनाओं में एक दिवस का साप्ताहिक अवकाश नही दिये जाने वाले नियोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही के आदेश जारी किये गये , तथापि इस हेतु श्रम उप निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। इधर गुमास्ता एक्ट को लेकर नगर के फूटकर व्यवसायियों तथा अन्य व्यापारियों के बीच कश्मकश की स्थिति रही । इस एक्ट के अंतर्गत कौन कौन सी दुकानें बंद रहेगी , इस बात को लेकर भी उहापोह की स्थिति रही , नतीजा ये हुआ कि आज बड़े व्यवसायियों के साथ फूटकर व्यवसायीयो की भी अधिकतर दुकानें बंद रही। इस मामले में स्पष्ट किया गया कि किराना कपड़ा हार्ड वेयर इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स ज्वेलरी व्यवसाय सप्ताह में एक दिन बंद रहेगा। वही डेयरी शॉप डेली नीड्स सब्जी व्यवसायी पेट्रोल पंप संचालक मेडिकल स्टोर्स पूर्ववत संचालित किये जा सकते हैं।
आज रविवार गुमाश्ता एक्ट के परिपालन में श्रम विभाग नगर पालिका तथा पुलिस विभाग की संयुक्त टीम नगर का भ्रमण करते नजर आई। नगर पालिका अधिकारी संध्या वर्मा ने बताया कि गुमास्ता एक्ट के तहत मेडिकल स्टोर्स पेट्रोल पंप डेयरी शॉप डेली नीड्स सब्जी व्यवसायी को छोड़कर , किराना कपड़ा हार्डवेयर ज्वेलर्स इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक शॉप आदि सप्ताह में एक दिन बंद रखने का प्रावधान है।
क्या कहता है कानून
छग दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 की धारा 13 (1) के अंतर्गत प्रावधान है कि गुमास्ता कानून के तहत सप्ताह के एक दिन सभी दुकानदारों को अपनी दुकान बंद रखनी होगी। साथ ही दुकान या स्थापना में काम कर रहे कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश भी देना होगा। इसका उल्लंघन करने पर न्यूनतम पांच सौ रुपए का चालान काटने का भी कानूनी प्रावधान है।