नई दिल्ली : देश में लंबे समय से बंद प्राइवेट स्कूल अब आर्थिक तंगी के चलते बंद होने की कगार तक पहुंच गए हैं. कर्नाटक के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष शाशि कुमार ने एजेंसी को बताया है कि अभिभावकों द्वारा फीस नहीं दिए जाने के कारण राज्य के प्राइवेट स्कूल अब बंद होने के कगार पर हैं. उन्होंने कहा, “शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं, लेकिन हम उन्हें न्यूनतम वेतन देने में भी असमर्थ हैं. सरकार से भी कोई समर्थन नहीं है. बजट स्कूलों में 60 प्रतिशत से अधिक माता-पिता ने अपने बच्चों की फीस इस दौरान नहीं जमा की है जिसके चलते टीचर्स की फीस दे पाना भी मुश्किल हो रहा है.” उन्होंने कहा कि राज्य में 20,000 से अधिक स्कूल हैं और जिनमें से लगभग 18,000 बजट स्कूल प्राइवेट हैं. ये स्कूल पूरी तरह से मासिक फीस पर ही आश्रित हैं, जो कि लंबे समय से बंद है. स्कूल अपने फंड्स पर लंबे समय तक नहीं चल सकते और अब ऑनलाइन पढ़ा रहे टीचर्स को न्यूनतम वेतन दे पाना भी संभव नहीं हो पा रहा है. राज्य में सरकारी आदेश के बाद प्राइवेट स्कूल दिसंबर तक बंद हैं. सरकार ने तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर कुछ दिन पहले यह निर्णय लिया है. कर्नाटक के मुख्य मंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है, “विशेषज्ञों का कहना है कि हमें दिसंबर के अंत तक स्कूल दोबारा खोलने के विषय पर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए. दिसंबर के बाद हम दोबारा स्थिति का जायज़ा लेंगे और उचित निर्णय लेंगे.”
फीस न मिलने से बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं इस राज्य के प्राइवेट स्कूल
