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दिव्यांगजन किसी भी रूप से अपने आप को कम ना आंके : कलेक्टर

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  • दिव्यांगों के विकास की हरसंभव कर मदद कर रही सरकार : जिला पंचायत अध्यक्ष 
राजकुमार साहू/ जांजगीर-चांपा : कलेक्टर यशवंत कुमार ने कहा कि दिव्यांगजन अपने आप को किसी से भी कम ना समझे। उन्होंने कहा कि ईश्वर हर इंसान में कमी के साथ उसकी भरपाई के लिए कुछ ना कुछ अधिक देता है। जिससे वह अपना विकास कर सके।वे आज जांजगीर के लाईवलीहुड कॉलेज पेंड्री में विश्व  दिव्यांग दिवस पर दिव्यांग स्वास्थ्य जागरूकता अधिकार अधिनियम 2016 में निहित प्रावधान विषय पर आयोजित सेमिनार और कार्यक्रम कृत्रिम एवं सहायक अंग उपकरण वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कलेक्टर ने आज कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगों की सुविधा के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति में यदि कोई अंगसेंस की कमी होती है तो उसमें कोई अन्य अंग सेंस स्वाभाविक रूप से विकसित हो जाता है, ताकि उसकी भरपाई हो सके। उन्होंने उपस्थित दिव्यांगों का आह्वान कर कहा कि वे अपने आप को किसी से भी कम ना आंके। अपने उद्बोधन के दौरान कलेक्टर ने दिल्ली का अपना प्रेरक सस्मरण सुनाया जिसमें तीन दिव्यांग देर रात तक अपनी कोल्डडिं्रक की दुकान खोल कर रखते और सामान्य लोगों से ज्यादा मेहनत करते थे। कलेक्टर ने कहा कि उन्हें इन तीनों दिव्यांगों से अधिक से अधिक मेहनत करने की प्रेरणा मिली। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती यनीता चंद्रा ने कहा कि हम सब में कुछ ना कुछ कमी है। उन्होंने दिव्यांगों का आह्वान कर कहा कि वे जीवन के प्रति अपना सकारात्मक नजरिया रखें और अपनी सोच बदले। उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगों के विकास और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हर क्षेत्र में सहयोग करने अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। कार्यक्रम को जिला पंचायत सीईओ तीर्थराज अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उत्कृष्ट दिव्यांग शिक्षकों क्रमशः सुमित तंबोली, योगेश कुमार सोनी, बृजेश लहरें, नवधा कश्यप, छोटेलाल पटेल, जयसिंह जगत, राष्ट्रीय तैराक सिकन्दर कुम्भकार बलौदा, डाॅ वसुन्धरा कश्यप, डाॅ श्रद्धा राय दन्त एवं रोग विशेषज्ञ, डाॅ मनीष खरे आयुर्वैद विशेषज्ञ, डाॅ संजय खरे आयुर्वैद चिकित्सा अधिकारी और डाॅ. विजय आंनद बघेल होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी को शाल और श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया गया। 20 दिव्यांग विद्यार्थियों को सहायक उपकरण वितरित किए गए। इनमें व्हीलचेयर, ट्राईसाईकिल, एम.आर. कीट, श्रवण यंत्र आदि शामिल हैं।
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