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कोरोना संकमण रोकने मे प्रशासन हुआ फेल, मोहारा घाट पर उमडी भीड

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  •  भीड़ पर नियंत्रण के लिये पुलिस प्रशासन नदारत 0सोशल डिस्टेंस व मास्क के नियमो की उडती रही घज्जियां

रविंद्र मुदिराज/राजनांदगांव : कोरोना के कहर के चलते शिवनाथ नदी के तट पर तीन दिवसीय मोहारा मेला के प्रशासन द्वारा स्थगित करने की घोषणा के बाद भी मोहारा घाट स्थल पर सोमवार कातिक पूर्णिमा के अवसर पर असंख्य लोगो ने सुबह स्नान के साथ दीपदान कर शिव मंदिर मे पूजा की। दुर्गा पूजा उत्सव के समय लोगो की जगह जगह अपार भीड के बाद सोमवार मोहारा घाट पर उमडी भीड ने जता दिया कि कोरोना पर आस्था भारी है लेकिन राजनांदगांव शहर सहित जिले में कोरोना काल मे बढते कोरोना के कहर से लोग प्रभावित होगे,इसकी भी चिन्ता करना हर किसी के लिये जरुरी है।मोहारा के घाट स्थल पर भीड सुबह दस बजे तक लगातार चहल पहल रही। उसके बाद छाये सन्नाटे ने यहां के विभिन्न सामानो के साथ आये दुकानदारो को मायूस कर दिया था।गन्ना बेचने वाले संतराम यादव व चाट पकौडे बेचने वाले मुन्ना साहू सुबह खुश थे पर सुबह दस बजे के बाद भीड के गायब होने पर दोनो अन्य दुकानदारो की तरह मायूस हो गये थे पर उनकी यह मायूसी ठीक शाम चार बजे खुशी मे बदल गयी ।जब गांव गाँव व शहर से भीड का रेला मेला स्थल पर दिखायी दिया। भारी संख्या मे आये लोगो मे बहुत कम लोगो ने मास्क पहना था और भारी भीड के बीच कही सोशल डिस्टेंस नही नजर आया।कई लोग बिना मास्क के खुलकर खांसते हुए नजर आये। उडती धूल व भीडभाड से छोटे छोटे बच्चे व महिलाये भी परेशान हो रहे थे।शाम को यहां पर लगी दुकानो से अपनी अपनी जरुरत का सामान लोग खरीदते रहे।बच्चे जहां गुब्बारे व अपने खिलौने की जिद करते देखे गये तो महिलाओ ने चाट,पकौडे व गन्ना के साथ सब्जियां आदि की खरीदी की। किसी प्रकार की प्रकाश व्यवस्था नही होने के चलते शाम लगभग साढे पांच बजे अचानक मोहारा स्थल बाजार मे पाकिटमारी व छेडछाड के चलते युवको के दो अलग अलग समूहो के बीच जमकर मारपीट हुई। लगभग आठ हजार की संख्या मे उपस्थित लोगो की भीड मे नदी किनारे भगदड से बडी घटना घट सकती थी लेकिन दैवीय कृपा से यह भगदड टल गयी।हांलाकि दोनो गुटो मे भागदौड व मारपीट की यह घटना शाम छह बजे तक चलती रही।उसे रोकने वाला पुलिस का एक भी अधिकारी अथवा जवान मौके से नदारत था। अब सवाल उठ रहा है कि प्रशासन यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुकर नही सकता कि उन्होंने कोरोना काल में मेला या बाजार को लेकर स्पष्ट मनाही थी और इस आशय के आदेश भी जारी किये थे परन्तु प्रशासन ने इस तरह की उमडने वाली भीड को रोकने के लिये बेरिकेटिग के साथ पुलिस और नगर निगम अधिकारियो की डयूटी मौके पर नही लगाई थी। बस स्टैंड की मँडई भी कुछ दिन पहले इसी तरह लगी थी। वहां बाजार व लोगो की उपस्थिति कम होने के साथ मास्क का उपयोग की बात भी सामने आयी, परन्तु मेला के दौरान भी यहां भी नगरनिगम के गपशप मारने वाले अधिकारियों में किसी ने नही ध्यान दिया और यहां नही नजर आये। इसके बाद प्रशासन को लोगो की आस्था का त्यौहार कातिक पूणिमा पर आकस्मिक उमडने वाली भीड ” को नियंत्रित करने की तैयारी नही थी।कलेक्टर की मेला नही लगाने की घोषणा के बाद नगर निगम व पुलिस के अधिकारी निश्चित हो गये कि मेला मे बाजार व भीड नही होगी, परन्तु पुलिस का तन्त्र यहां भी फेल हो गया और सुबह के बाद शाम को भारी संख्या मे उमडी भीड के बीच मारपीट व पाकिटमारी की घटना ने पुलिस के मुस्तैद कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। हमेशा सकिय रहने वाले आयुक्त सी के कौशिक के पिता के निघन से वह तो शहर में नही थे परन्तु इतनी भीड उमडने पर अन्य जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारी व महापौर व विभिन्न चेयरमेन सहित इस इलाके के दो दो निगम मेम्बर भी घर मे सोते रहेऔर किसी ने रोक लगाने की पहल नही की। इस सम्बन्ध मे सबसे पहले बंसतपुर थाना प्रभारी योगेन्द पटेल के शासकीय नम्बर पर दो बार फोन लगाया गया तो लगातार रिंग करने के बाद उन्होंने न फोन रिसीव किया और ही वापस फोन लगाकर बातचीत की।प्रशासन प्रमुख कलेक्टर टी के वर्मा ने हमारे ब्यूरो चीफ से चर्चा करते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है।मै पुलिस व नगर निगम आयुक्त से जानकारी लेता हुं।कानून व्यवस्था का काम पुलिस का है।कलेक्टर टी के वर्मा का यह भी कहना है कि कोरोना काल के चलते हमने इस तरह के बाजार या मेले की अनुमति नही दी थी। मेले पर भीड उमडने व पाकिटमारी ,छेडछाड की घटना पर नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस व नगर निगम की है। जिन्हे इस तरह के कोरोना काल मे उमड रही भीड पर रोक लगाना था। पुलिस अधीक्षक डी श्रवण भी मोहारा घाट स्थल पर उमडी भीड व घटित घटना से अनभिज्ञ नजर आये और उन्होंने कहा कि पता करवाता हुं।सीएसपी मणिशंकर चन्द्र ने कहा कि नगर निगम को वहां बडी संख्या में दुकान लगने व भीड के आने पर नोटिस देकर जवाब तलब किया जायेगा।हमने वहां प्रशासन के मेला स्थगन आदेश के कारण पुलिस बल नही लगाया था।जिला भाजपाध्यक्ष मधुसूदन यादव सहित भाजपा के नेताओ सहित नेता प्रतिपक्ष किशन यदु की खामोशी कही न कही गलत करने वालो को समर्थन दे रही है। दुर्ग संभाग के कमिश्नर टी सी महावर ने कहा कि प्रशासन की मोहारा मेला स्थगन की घोषणा के बाद इस तरह बडी संख्या में भीड का एकत्रित होना कोरोना संकमणा को बढावा देने के साथ बडी लापरवाही है।इस सम्बन्ध मे कलेक्टर को पत्र लिखकर जवाब तलब किया जायेगा। वही दुर्ग संभाग के आईजी विवेकानन्द सिन्हा ने कहा कि इस तरह की गलती उचित नही है।मै एसपी से जानकारी लेकर कार्यवाही के लिये आवश्यक निदेश दूँगा। मोहारा घाट पर उमडी भीड भी अब स्वास्थ्य विभाग के लिये परेशानी का सबब बन गई है कि यहां सोशल डिस्टेंस व मास्क का उपयोग नही करने से कितने लोग संकमित हुए है और आगे कितने होगे।इसकी पहाचान करना बडी मुश्किल होगा।अब आम जनता के बीच यह सवाल उठने लगा है कि कोरोना काल में इतनी उमडी भीड मे लापरवाह जिले के बडे अधिकारी सोशल डिस्टेंस व बिना मास्क से कोरोना संकमण के फैलाव के जिम्मेदार लिये अधिकारियों पर कार्यवाही कर पायेगे या अपना दामन बचाने के लिये ऐसे मामलो को लीपापोती का खेल होगा।

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