रायपुर वॉच

सेवा वितरण सप्ताह के प्रथम दिन 24 पुरुषों ने कराई नसबंदी

Share this
  • पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों और मिथकों को किया जा रहा दूर

रायपुर : ज़िले में चल रहे पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान प्रथम दिन 24 पुरुषों ने नसबंदी कराई। इस दौरान गांवों में मोर मितान मोर संगवारी चौपाल का आयोजन कर लोगों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया गया। ग्रामीणों के बीच समूह चर्चा के माध्यम से पुरुष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों और मिथकों को भी दूर किया जा रहा है । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया, सेवा वितरण सप्ताह के प्रथम दिन 24 पुरुषों ने नसबंदी कराई है । नसबंदी परिवार नियोजन के स्थाई साधनों में से एक है ।लोगों को नसबंदी के बारे में जागरूक करने के लिए पहले नसबंदी करा चुके पुरुष भी आगे आए। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, नसबंदी से किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती है। हम पहले की ही तरह एकदम सामान्य जीवन जी सकते हैं। पुरुष नसबंदी पखवाड़े में अभनपुर में 5 आरंग में 5 धरसीवा में 5 तिल्दा में 2 जिला अस्पताल में 4 और बिरगांव शहरी क्षेत्र में 3 लोगों ने नसबंदी करवाकर परिवार नियोजन के स्थाई साधन को अपनाया है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लियें 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर के बीच प्रदेश में दो चरणों में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है । मोबिलाइजेशन सप्ताह में जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने एवं राज्य में एनएसवी कार्यक्रम को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए एनएसवी के लिए पुरुषों को जागरूक किया जा रहा है । मोर मितान मोर संगवारी के तहत गोष्ठियों को आयोजित कर पुरुषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया गया। इसके लिए ऐसे गांवों का चयन किया गया जहां दो या दो से अधिक बच्चों वाले दम्पति ज्यादा थे। समूह चर्चा के माध्यम से उन्हें छोटे परिवार के फायदों के बारे में बताया जा रहा है ।

नसबंदी कराने वालों को 2,000 तो उत्प्रेरकों को मिलते हैं 300 रुपये

पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानीनों, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पुरुषों को परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध विभिन्न साधनों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनएसवी कराने में मात्र दस मिनट का समय लगता है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा नसबंदी कराने वालों को दो हजार रुपए और उत्प्रेरकों को 300 रुपए दिए जाते हैं। नसबंदी पखवाड़ा के दौरान आरएचओ, एएनएम और मितानीनों द्वारा योग्य दम्पतियों का सर्वे कर पुरुष गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग के लिए संवेदीकरण, चिन्हांकन एवं पंजीकरण किया गया।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *