- दक्ष की मां ने नम आंखों से पुलिस व मीडिया को दिया धन्यवाद
प्रकाश नाग/ फरसगांव/केशकाल : केशकाल विधानसभा क्षेत्र के उरनदाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम आलमेर में 18 नवम्बर की सुबह एक युवक के घर से 1 माह का बच्चा चोरी होने की घटना प्रकाश में आई थी। जिस पर अपराध पंजीबद्ध कर के उरनदाबेड़ा पुलिस के द्वारा लगातार बच्चे की पतासाजी की जा रही थी। आज लगभग 12 दिनों के बाद आज बच्चे के परिजनों ने आलमेर से कुछ दूर स्थित ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा से बरामद कर लिया गया है। फिलहाल आरोपी महिला व उसके परिजनों को उरनदाबेड़ा थाना में पुलिस के द्वारा पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि उरनदाबेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम आलमेर निवासी युवक श्रवण नाग के घर से 18 नवम्बर की सुबह लगभग 6 बजे अज्ञात महिला ने लगभग 36 दिन के बच्चे को अपहरण कर साथ ले गयी थी। परिजनों के द्वारा आस पास के क्षेत्र में पता तलाश करने के बाद उरनदाबेड़ा थाना जाकर मामले की जानकारी दी गयी थी। जिस पर पुलिस के द्वारा तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर गुमशुदा बच्चे की पतासाजी की जा रही थी।
रिश्तेदार ही निकली मासूम बच्चे का अपहरणकर्ता
अपहरण दिनांक से 12 दिन बाद बच्चे के परिजनों को जानकारी मिली कि आलमेर से कुछ ही दूर ग्राम चिंगनार के जमकोटपारा में एक महिला सगो बाई जो कि प्रार्थी पक्ष की रिश्तेदार है उसके पास बच्चा देखा गया है। जिसके बाद बच्चे के माता पिता व स्थानीय लोग जब चिंगनार पहुँच कर बच्चे को देखा तो पाया गया कि वही उनका बेटा दक्ष था।
पिछले दो महीने से अपने मायके में ठहरी हुई थी आरोपी महिला ( छट्ठी ) नामकरण कार्यक्रम के बाद हुआ उजागर
आरोपी महिला सगो बाई के ससुर रूपसिंह नाग ने बताया कि उक्त महिला की पहली शादी कर्रापारा (धनोरा) में हुई थी, जिसमे उसकी दो बेटियां हैं। उसके बाद आरोपी महिला अपने पति को छोड़ कर मेरे बेटे के साथ ग्राम हाट छपाई में रहती थी। आरोपी महिला पिछले 2 महीने से अपने मायके चिंगनार में रुकी हुई थी। कि हमें 27 नवंबर को (छट्ठी ) नामकरण में आने का आमंत्रण मिला था, जब मैं ग्राम चिंगनार पहुंचा तो मुझे परिवार वालो से पता चला कि बच्चे का जन्म 17 नवम्बर की रात हुआ था। लेकिन मुझे बच्चा चोरी के बारे में जानकारी नही थी।
बच्चे के शरीर में लगे दाग और एएनएम द्वारा टीके की पहचान से भी हुई बच्चे की पुष्टि
गुम हुए बच्चे की मिलने की सूचना मिलते ही कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने तत्काल फरसगांव एसडीओ को निर्देशित किया जिस पर एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक समेत पुलिस की टीम तत्काल ग्राम चिंगनार पहुंची। जहां पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर आरोपी महिला बच्चा चोरी कर लाने स्वीकार नही रही थी। जिसके बाद बच्चे की बांह पर लगे बीसीजी के टीके की पहचान करने के लिए पुलिस के द्वारा स्वास्थ्य विभाग से एएनएम को बुलाया गया। एएनएम द्वारा बताया गया कि यह बीसीजी का टीका है जो कुछ दिनों पहले ही उनके द्वारा दक्ष को लगाया गया था। साथ ही बच्चे के शरीर में लगे दाग को को भी देख कर बच्चे की मां पहचान गई ।
आरोपी महिला भी थी गर्भवती जांच में जुटी पुलिस
आरोपी महिला के ससुर रूपसिंह ने यह भी बताया कि साल भर पहले की मेरा छोटा महिला को हमारे घर लेकर आया था। तथा जब वह अपने मायके चिंगनार गयी तब वह छः माह के गर्भ में थी। यदि वह बच्चा चोरी कर के लायी थी तो आखिर उसके गर्भ में जो बच्चा था वह डिलीवरी के बाद कहाँ गया। इन बिन्दुओ को लेकर पुलिस आरोपी महिला व उसके परिजनों से पूछताछ कर रही है।
फिलहाल पुलिस ने बच्चे को बरामद कर परिजनों को किया है सुपुर्द
फरसगांव एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया कि ग्राम चिंगनार में आरोपी महिला व उसके परिजनों से घण्टो तक चली पूछताछ करने व स्वास्थ्य विभाग की एनएम द्वारा टीके की पहचान करने के बाद सच सामने आया है फिर भी आरोपी महिला यह स्वीकार करने को तैयार नही है। फिलहाल हमने बच्चे को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है। तथा प्रार्थी व आरोपी दोनो व उनके परिजनों को उरनदाबेड़ा थाना लाया गया है जहां आरोपी महिला व उसके परिजनों से पूछताछ की जा रही है। खुशी की बात यह है कि अपहरण के 12 दिन के बाद भी बच्चा सुरक्षित व सकुशल है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब देखने वाली बात यह है कि इस प्रकरण में कितने आरोपी शामिल होंगे।
बच्चे की मां ने नम आंखों से पुलिस व मीडिया को दिया धन्यवाद
12 दिन बाद अपने जिगर के टुकड़े को वापस अपनी गोद मे देख कर बच्चे की मां की आंखे छलक आईं। दक्ष की मां रामिका नाग ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अपहरण को इतनी गम्भीरता से लेते हुए मेरे बच्चे को ढूंढने के लिए मैं सभी लोगों, पुलिस व मीडिया को धन्यवाद देती हूं।