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मन की बात: PM मोदी ने कहा- ‘नए कृषि कानून से किसानों को उनके अधिकार मिले’

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आज 18वीं बार मन की बात रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत एक खुशखबरी शेयर करते हुए की. उन्होंने कहा कि ‘भारत की देवी अन्नपूर्णा की 100 साल से ज्यादा पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस लाई जा रही है. माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा काशी के एक मंदिर से चुराकर विदेश ले जाई गई थी जिसे अब वापस लाया जा रहा है.’

मन की बात: पीएम के संबोधन की खास बातें-

  • मैं कनाडा सरकार का आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने भारत की धरोहर को वापस लौटाने में मदद की. कुछ समय पहले वर्ल्ड हेरिटेज डे के मौके पर भी भारत ने अपनी सांस्कृतिक धरोहरों को संजोने के संकल्प को दोहराने के साथ की है.
  • बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. काफी विचार​-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन खत्म हुए, बल्कि उन्हें नए अधिकार, नए अवसर भी मिले हैं.
  • आज देश में कई म्यूज़ियम और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे है. अब आप घर बैठे National Museum Galleries की यात्रा कर पाएंगे.
  • इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है. डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में Bird Watching को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है. दुनिया में Bird Watching को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है.
  • मेरी भागदौड़ की जिन्दगी में, मुझे भी पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला. पक्षियों के साथ बिताया हुआ समय, आरको प्रकृति से भी जोड़ेगा और पर्यावरण के लिए भी प्रेरणा देगा.
  • 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे. मुझे महसूस होता है कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है.
  • भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं. कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए.
  • पिछले साल नवंबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा. विदेश में रहने वाले हमारे सिख भाई-बहनों के​ लिए अब दरबार साहिब की सेवा के लिए राशि भेजना और आसान हो गया है.
    5 दिसबंर को श्री अरबिंदो की पुण्यतिथि है. श्री अरबिंदो को हम जितना पढ़ते हैं उतनी ही गहराई हमें मिलती जाती है. मेरे युवा साथी श्री अरबिंदो को जितना जानेंगे, उतना ही अपने आप को जानेंगे, खुद को समृद्ध करेंगे.
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