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कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक खरीदी पूर्व उपार्जन केन्द्रों का दौरा कर वस्तुस्थिति का लिया जायजा

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  • उपार्जन केन्द्र के कर्मचारियों को दिये आवश्यक निर्देश

आफताब आलम/ बलरामपुर : राज्य शासन द्वारा आगामी 1 दिसम्बर से छत्तीसगढ़ के कृषकों से समर्थन मूल्य में उपार्जन केंद्रों के माध्यम से धान खरीदी की जाएगी। शासन के मंशानुरूप धान खरीदी सुचारू ढंग से तथा नियम अनुरूप  संपन्न कराने के लिए कलेक्टर श्री श्याम धावड़े एवं पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू खरीदी पूर्व उपार्जन केंद्रों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा ले रहे है। उन्होंने कृषि उपज मण्डी कुसमी, धान उपार्जन केन्द्र सामरी, चान्दों, तथा बरदर का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने नोडल अधिकारियों तथा समिति के प्रबंधकों से नियमानुसार धान क्रय करने तथा बिचैलियों व कोचियों के अवैध धान की खरीदी न हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जिले के वास्तविक किसान का ही धान खरीदी हो तथा व्यवस्थित ढंग से खरीदी के लिए ग्रामवार रोस्टर बनाकर टोकन जारी करें ताकि नियत तिथि को ही संबंधित कृषक आसानी से अपना धान विक्रय कर पाये। कलेक्टर ने उपार्जन केन्द्र में बनाये गये चबुतरों का अवलोकन कर उसकी क्षमता के बारे में जानकारी ली।
कुसमी स्थित कृषि उपज मंडी पहुंचकर कलेक्टर द्वारा समिति प्रबंधक से विगत वर्ष में क्रय किए गए धान की मात्रा तथा इस खरीफ विपणन वर्ष में पंजीकृत कृषकों की संख्या तथा उपार्जन केंद्र की क्षमता के बारे में पूछने पर समिति प्रबंधक ने उन्हें बताया कि इस वर्ष समिति में 43 गांव के 13 सौ पंजीकृत किसान हैं तथा एक दिन में अधिकतम 15 सौ क्विंटल धान क्रय किया जा सकता है। इसके पश्चात उन्होंने ऑपरेटर कक्ष, पंजीकृत किसानों की सूची, नमी मापक यंत्र तथा नाप-तौल मशीन का अवलोकन कर आवश्यकता अनुसार सामग्रियां क्रय करने के निर्देश दिये। इसी क्रम में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने सामरी तथा चान्दों के उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण कर    जायजा लिया। चान्दों धान उपार्जन केन्द्र के समिति प्रबंधक से पंजीकृत किसानों की जानकारी लेते हुए खरीदी कार्य में लापरवाही न बरतने के निर्देश दिये। कलेक्टर श्री धावड़े ने प्रबंधक से कहा कि  उपार्जन केन्द्र में बोर खनन हो चुका है संबंधित विभाग से बात कर इसमें शीघ्र हैण्डपम्प लगवाये। निरीक्षण के दौरान समस्त नोडल अधिकारियों तथा प्रबंधकों से कहा कि उपार्जन केन्द्रों में कृषकों को धान बेचने में कोई परेशानी न हो तथा टोकन जारी करने के दौरान यह ध्यान रखा जाये इसमें 60 प्रतिशत लघु एवं सीमांत कृषक हो तथा 40 प्रतिशत बडे़ रकबा वाले किसान हो ताकि खरीदी प्रक्रिया में संतुलन बना रहे और कृषकों में कोई असंतोष न हो।

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