जानिसर अख्तर/ लखनपुर : बीते बुधवार को स्थानीय नगर सहित आसपास के गांवों में देव उठन तुलसी विवाह का पारम्परिक पर्व उत्साह के साथ आतिशबाज़ी करते हुए मनाया गया।इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। मान्यतानुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष एकादशी को देव उठन तुलसी विवाह पर्व मनाये जाने की परम्परा रही है।इसे प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी एकादशी के रोज सभी देव उठते हैं यानी जागते हैं यही से मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है। माता तुलसी एवं भगवान सालिग राम का विवाह सम्पन्न हुआ था इसलिए भी एकादशी को पर्व त्यौहार के रूप में आदि काल से मनाये जाने की परिपाटी रही है। देव उठन के मौके पर लक्ष्मी स्वरूप गाय बैलों की पूजा की जाती है। पकवान शकरकंद कद्दू इत्यादि खिलाए जाते हैं। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ग्रामीण अंचलों में इस दिन तांत्रिक देवार गुनिया अपने तंत्र मंत्र जड़ी बूटी औषधि को जागृत करने विशेष पूजा अनुष्ठान करते हुए मुर्गे-मुर्गियों की बलि देते हैं । साथ ही खाने खिलाने तथा पीने पिलाने का भी दौर चलता है देव उठन त्यौहार बड़े उत्साह उमंग के साथ मनाया जाता है। क्षेत्र मैं देव उठान तुलसी विवाह पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया गया
धूमधाम से मनाई गई देव उठन तुलसी विवाह पर्व
