पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : आज बुधवार को देवउठनी एकादशी पर्व तुलसी विवाह धूमधाम के साथ मनाई गई कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाने वाला देव उठनी जिसे प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है क्षेत्र मे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई घरो में गन्ने का मंडप बनाकर भगवान सालिकराम के साथ तुलसी जी का विवाह किया गया और वहीं पूजा अर्चना के पश्चात् माता तुलसी को कई प्रकार के भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया इसी के साथ ही आज से मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह प्रारंभ हो जायेगे। देव उठनी पर्व मे क्षेत्र मे लोगो ने अपने अपने कुल देवता व देवी की पूजा अर्चना करते हुए चावल आटे से बने दिपक जलाकर सुख शांति समृध्दि की कामना की वहीं छोटी दिवाली के अवसर पर घरोघर दूध फरा सहित छत्तीसगढ़ी पकवानो की धूम देखने को मिली शाम से देर रात तक चारो तरफ पटाखे की आवाज सुनाई देती रही रंगबिरंजी आतिशबाजी से पूरा आसमान जगमगाने लगा। पंडित योगेश शर्मा ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी से कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं श्री विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को निद्रा से जागते हैं इस कारण सभी शास्त्रों में इस एकादशी का फल अमोघ फलदाई बताया गया है 4 माह मांगलिक कार्य रुक जाते हैं फिर देवउठनी एकादशी पर भगवान के जागने के बाद शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ हो जाते हैं इस दिन जाता है इस दिन एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता तुलसी की विधिवत विवाह पूजन करने से मंगल होता है घर में सुख शांति आती है तुलसी विवाह के साथ ही सभी मांगलिक कार्यक्रम शादी विवाह आदि प्रारंभ हो जाएंगे ।
फोटो:- गन्ने के मंडप के बीच तुलसी पूजा।
देव उठनी एकादशी पर्व पर धूमधाम से किया गया तुलसी विवाह
