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लव जिहाद कानून की मांग पर बोले ओवैसी- अंतर-धार्मिक विवाह का विरोध करने वाले पहले संविधान पढ़ें

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हैदराबाद : एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लव जिहाद पर कानून लाने वाले राज्‍यों को संविधान पढ़ने की नसीहत दी है। ओवैसी का कहना है कि ऐसा कोई भी कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन है। बीजेपी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाकर ओवैसी ने कहा कि यह महज ग्रेटर हैदराबाद म्‍युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनावों (जीएचएमसी) को सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं। ओवैसी ने कहा, ‘ऐसे कानून संविधान के अनुच्‍छेद 14 और 21 का उल्‍लंघन होंगे। अगर ऐसा ही करना है तो स्‍पेशल मैरिज ऐक्‍ट को ही खत्‍म कर दें। नफरत का यह दुष्‍प्रचार नहीं चलेगा। बीजेपी बेरोजगार युवाओं को भटकाना चाहती है। हैदराबाद में बाढ़ आई थी मोदी सरकार ने उस समय क्‍या मदद दी? मोदी सरकार जीएचएमसी चुनावों को सांप्रदायिक रंग देना चाहती है लेकिन इस बार यह काम नहीं करेगा क्‍योंकि लोग असलियत जानते हैं।’ ओवैसी ने आगे कहा, ‘अगर आप बीजेपी के नेता को रात में जगाकर कुछ भी पूछेंगे तो उनके मुंह से ओवैसी, गद्दार, आतंकवाद और आखिर में पाकिस्‍तान का नाम निकलेगा। बीजेपी को बताना चाहिए कि तेलंगाना खासकर हैदराबाद को उन्‍होंने साल 2019 के बाद कौन सी आर्थिक मदद दी।’हाल ही में यूपी सरकार ने अपने यहां कथित लव जिहाद को रोकने के लिए सख्‍त कानून लाने का ऐलान किया है। ऐसी ही घोषण मध्‍य प्रदेश ने भी की है। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने ने 30 अक्टूबर को जौनपुर जिले में एक चुनावी सभा में कहा था कि राज्य सरकार लव जिहाद को सख्ती से रोकेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक फैसले में कहा था कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना जरूरी नहीं है।उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

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