(सुकमा ब्यूरो) बाल कृष्ण मिश्रा | बीते दिनों नक्सलियों ने किस्टारम इलाक़े मे दो निर्दोष ग्रामीणों को मौत घाट उतार दिया,19 तारिख को जारी अपने पर्चे मे(चीनी आतंकवादी)माओवादियों ने क़ुबूल की ये बात के जन अदालत लगाकर दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा।डी॰आर॰जी॰के शेर ही करेंगे नक्सलियों का ख़ात्मा: डी॰आर॰जी॰से ख़ौफ़ खाते हैं नक्सली क्यों की क्षेत्रीय आदिवासी युवा हैं चप्पे चप्पे को जानते हैं,नक्सलियों को इसी बात का भय है पुलिस और CRPF,STF,कोबरा,डी॰आर॰जी॰ नक्सलियों का अंत करेंगे।चीनी आतंकवादी माओवादी करके जारी करें नक्सली अपना पर्चा क्यों की जल जंगल ज़मीन के नाम पर निर्दोष आदिवासियों की हत्याएँ करना,आदिवासियों को उन्ही के जल जंगल ज़मीन से बेदख़ल करना और पैसा उगाही करना एवं बंदूक़ की नोक पर सत्ता हासिल करने का नापाक इरादे रखना चीनी आतंकवादी होना साबित करता है।पिछले कटेकल्याण एरिया कमेटी द्वारा जारी पर्चे मे नक्सलियों ने कहा आत्मसमर्पण पर एक एक हज़ार पैसा दिया जाता है,जब की मै बता दूँ,पुनर्वास नीति के तहत नक्सली को उसके केडर के हिसाब से पैसा उसके खाते मे जमा किया जाता है,और कई आत्मसमर्पित नक्सलियों को सरकार ने पुनर्वास नीति के तहत घर रोज़गार देकर उन्हें समाज मे बहतर जीवन जीने का अवसर प्रदान कर रही है।मेरा बड़े केडर के नक्सली हिडमा,हरिभूषण,पापा राव,देवा,और भी बड़े छोटे केड़र के नक्सलियों को आह्वान है,आओ मुख्यधारा से जुड़कर आत्मसमर्पण करो,मै वादा करता हूँ जितने हत्यार के साथ समर्पण करोगे उतनी रक़म मै तुम्हें दिलाऊँगा।चेतावनी:दो रास्ते हैं या आत्मसमर्पण करो या जंगल मे भटक भटककर कुत्तों के तरह मारे जाओ।क्यों की अब नक्सलवाद के ख़ात्मे का समय आ गया है। फारुख अली समाजसेवी सुकमा
जन अदालत के नाम से बाहरी नक्सलियों के फ़रमान पर अपने लोगों का खून बहा रहे हैं क्षेत्रीय नक्सली ! मुखबिरी के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को मारने का सिलसिला जारी – फ़ारूख अली
