नई दिल्ली : कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण विश्व स्तर पर जारी हैं. ब्रिटेन, अमेरिका और रूस समेत कई देशों की कई कंपनियां दुनिया को कोरोना वायरस का एक समाधान मुहैया कराने की दौड़ में हैं. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक भी उनमें से एक है जो कोवैक्सीन (COVAXIN ™) के विकास में जुटी है. भारत बायोटेक ने इस महीने की शुरुआत में वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण शुरू कर दिया है. COVAXIN भारत की स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन है जिसे भारत बायोटेक की ओर से इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है. भारत बायोटेक के दावे के मुताबिक कोविड-19 के खिलाफ COVAXIN कम से कम 60 फीसदी असरदार होगी, ये असर इससे ज्यादा भी हो सकता है. बता दें कि COVAXIN के स्टोरेज के लिए 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होगी. अभी भारत बायोटेक के पास तीस करोड़ खुराक के उत्पादन की क्षमता है जिसे अगले साल तक बढ़ा कर पचास करोड़ किया जा सकता है. कंपनी ने वैक्सीन की कीमत का खुलासा नहीं किया है. तीसरे चरण के ट्रायल में भारत में 25 केंद्रों पर 26,000 वॉलंटियर्स शामिल तीसरे चरण के ट्रायल में भारत में 25 केंद्रों पर 26,000 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया. यह भारत में किसी कोविड-19 वैक्सीन के लिए सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल है. यहीं नहीं यह भारत में कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण में असर को जानने के लिए पहली स्टडी है. ट्रायल के दौरान वैक्सीनेशन से गुजरे पार्टिसिपेटिंग वॉलंटियर्स को अगले साल तक मॉनिटर किया जाएगा, यह पहचान करने के लिए कि कहीं उनमें कोविड-19 बीमारी दोबारा तो नहीं हुई.
कोरोना: देश को जल्द मिल सकती है गुड न्यूज, भारत में विकसित COVAXIN 60% असरदार
