बालकृष्ण मिश्रा /सुकमा : कृषि बिल 2020 : लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि विधेयक पास होने के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के निर्देशानुसार आज सुकमा जिला मुख्यालय इस्तिथ बसस्टैंड प्रांगण में कांग्रेसीयों द्वारा किसान अधिकार दिवस सत्याग्रह आंदोलन व प्रदर्शन किया गया। प्रदशर्न से पूर्व भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी की सहादत दिवस एवं देश के पहले गृहमंत्री स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल जी जयंती के अवसर पर उनके छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया ततपश्चात किसान अधिकार दिवस सत्याग्रह प्रदर्शन की शुरुआत की गई। किसान अधिकार दिवस में सुकमा जिले के कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता शामिल हुये। सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती माहेश्वरी बघेल ने कहा कि लोकसभा के बाद राज्यसभा में पारित किसान विधेयक देश में पिछले 50 से अधिक वर्षों में स्थापित हुई कृषि व्यवस्था को बर्बाद कर देंगे। दो कृषि विपणन विधेयकों से किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य और उनकी सरकारी खरीद की प्रणाली खत्म हो जाएगी। किसानों के साथ मंडी में कार्यरत कई मजदूर बेरोजगार और छोटे व्यापारी भी बर्बाद हो जाएंगे। विरोध कर रहे सुकमा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष करन सिंह देव का तर्क है कि संसद में पारित विधेयक मंडी व्यवस्था को ख़त्म कर देंगे और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे. ओर मोदी सरकार सरकार इन विधेयकों के ज़रिए कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट जगत को सौंपना चाहती है। सुकमा नगरपालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू ने किसान विरोधी बिल का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार कोरोना महामारी को अवसर में बदलने का काम कर रही है, आज बिहार चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र में यह दर्शाना कि कोविड 19 की वैक्सीन सबसे पहले एँव मुफ्त में बिहार की जनता को देंगे। इससे उनकी ओछी राजनीति साफ झलक रही है, मोदी सरकार हिंदुस्तान की जनता को बांटने का काम कर रही है। मोदी सरकार किसानों को खत्म करने के साथ ही कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। केंद्र सरकार कहती है कि इस बिल से किसान अपनी फसलों को देश के कोई भी राज्य में कहीं भी ले जाकर बेच सकते हैं, मैं मोदी सरकार से यह पूछना चाहता हूं कि आज की इस्तितिथी में किसान अपनी फसलों को एक जिले से दूसरे जिलों में ले जाने की इस्तितिथी में नहीं हैं, ऐसे में किसान दूसरे प्रदेशों में अपनी फसलों को कैसे बेच पायेंगे। साहू ने दावा किया कि ये ‘काले कानूनÓ किसानों और मजदूरों के शोषण के लिए बनाए जा रहे हैं। किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था।लेकिन मोदी सरकार के ‘कालेÓ क़ानून किसान-खेतिहर मज़दूर का आर्थिक शोषण करने के लिए बनाए जा रहे हैं। ये बिल कार्पोरेट जगतबका नया रूप है और मोदी जी की नीयत भी किसी छिपी हुई नहीं है कि उनका उधोगपतियों से कितना गहरा संबंध है। इस दौरान जिला कांग्रेस के महामंत्री श्री राजेन्द्र सिंह भदौरिया, ब्लाक कांग्रेस कमेटी छिंदगढ़ के अध्यक्ष श्री पदामी कोसा,ब्लाक कांग्रेस कोंटा के अध्यक्ष श्री सुधीर पांडे, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष श्री सुरेश सिंह चौहान, जिला पंचायत सदस्य श्री राजूराम नाग, नगर कांग्रेस अध्यक्ष शेख सज्जार, कोंटा नगरपंचायत अध्यक्ष श्रीमती मौसम जया, दोरनापाल नगरपंचायत अध्यक्ष श्रीमती बबिता मंडावी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीमती सोयम मंगम्मा,महिला कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष श्रीमती गीता कवासी,किसान कांग्रेस अध्यक्ष शेख औलिया, ,वरिष्ठ पार्षद रामसुख यादव,भूतपूर्व पार्षद रम्मू राठी,मनोज चौरसिया, रोहित पांडे,एल्डरमैन दिनेश दास,राजेश नारा, ठ्ठह्यह्वद्ब जिलाध्यक्ष सुनील यादव, सेवादल जिलाध्यक्ष मुकेश कश्यप, गादीरास सरपंच माड़वी कोसा, सतेंद्र गुप्ता, कपिल सिंह ठाकुर, अरुण मिश्रा,सहित सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे।
कृषि बिल 2020 के विरोध में कांग्रेसियों ने किया किसान अधिकार दिवस सत्याग्रह आंदोलन व प्रदर्शन
