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जनजाति गौरव समाज ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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समैय्या पागे/ बीजापुर। पूर्व सांसद स्व कार्तिक उरांव की जयंती के अवसर में धर्मान्तरित आदिवासियों के आरक्षण के विरुद्ध जनजाति सुरक्षा मंच व जनजाति गौरव समाज ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन गुरुवार के एस डी एम डॉ हेमंत भुआर्य को दिया।प्रदेश में तेजी से बढ़ रही धर्मांतरण को लेकर जनजाति गौरव समाज ने धर्मान्तरित आदिवासियों का आरक्षण समाप्त करने को लेक़र राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को आवेदन दिया है, आवेदन में उस बात का उल्लेख किया गया है की 1970 में केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 235 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया था जिसमे धर्मान्तरित आदिवासियों का आरक्षण समाप्त करने की बात लिखी गई थी। लेकिन इस पत्र को लोकसभा के पटल पर रखा गया न ही इस पर कभी चर्चा हुआ बल्कि इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस बात को आज 50 वर्ष पूरे हो गए और कार्तिक उरांव के जयंती पर जनजाति समाज ने पुनः अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस विषय पर समीक्षा करने की बात कही है। कार्तिक उरांव ने आदिवासी समाज के धर्मांतरण करने की पीड़ा को *20 वर्ष की काली रात* नामक पुस्तिका भी लिखा है जिसमे सम्पूर्ण व्यथा का उल्लेख किया है। 50 वर्ष बीत जाने बाद भी धर्म परिवर्तन का खेल थमने का नाम नही लिया लगातार वृद्धि होते जा रहा जिसको लेक़र जनजाति गौरव समाज एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर आवाज बुलंद कर रही है। धर्मान्तरित को लेकर पूरे प्रदेश भर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिला स्तर पीकर दिया गया है और आरक्षण समाप्त करने का आग्रह किया है इस दौरान संयोजक लक्ष्मी नाथ पांडे, सहित पार्षद नंद किशोर राना ,मेघनाथ मांझी रंजना उद्दे, देविन्दा राना, श्याम ,पुरूषोत्तम शाह मंडावी व मिनेन्त राव कुरसम मौजूद थे।

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