(खरसिया ब्यूरो) विकास ज्योति अग्रवाल | स्पोर्ट्स और आर्थोप्लास्टि कोर्स हेतु राष्ट्रीय स्तर के फेलोशिप प्रवेश परीक्षा में पूरे देश में अठारहवां स्थान अर्जित कर गांव के होनहार युवा डॉ विमल अग्रवाल ने एक बार फिर पूरे देश में एक छोटे से गांव किरारी का नाम रोशन किया है| ये स्पाइन सर्जरी अंतर्गत इस प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे। किरारी की प्रतिष्ठित फर्म संतोष कुमार-कमल कुमार के संतोष कुमार अग्रवाल और श्रीमती शांता देवी अग्रवाल के पुत्र डॉ विमल अग्रवाल शुरू से ही मेघावी छात्र रहे हैं और इसी वजह से उन्होंने अध्ययन के क्षेत्र में अब तक अनेक उपलब्धि हासिल की है। इसी कड़ी में उन्हें तब एक और सफलता प्राप्त हुई जब पता चला कि उन्होंने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े स्पाइन, स्पोर्ट्स और आर्थोप्लास्टि कोर्स हेतु राष्ट्रीय स्तर के फेलोशिप प्रवेश परीक्षा में पूरे देश में अठारहवां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने स्पाइन सर्जरी अंतर्गत यह प्रवेश परीक्षा दिलायी थी और अब उनके इसमें एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने से उनका स्पाइन सर्जन बनना तय हो गया है। कुछ दिनों के बाद वे 2 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त करने जाएंगे। इससे यह भी तय माना जा रहा है कि आने वाले समय में इसका लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को भी मिलेगा क्योंकि वर्तमान में राज्य में स्पाइन सर्जन नहीं हैं और पूरे देश में भी इनकी संख्या बहुत कम है। फिलहाल इसके लिए लोगों को महानगर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। डॉ विमल अग्रवाल की धर्मपत्नी डॉ सोनल अग्रवाल भी इस रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ हेतु मैसूर में अध्ययनरत हैं। वे रायगढ़ के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल की सुपुत्री हैं। जांजगीर जिले के छोटे से गांव में बड़ी सफलता मिलने पर डॉ विमल अग्रवाल को परिवार सहित उनके मित्रों और ग्रामवासियों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
ग्राम किरारी के डाॅ विमल को फेलोशिप परीक्षा (स्पाइन सर्जन) में देश मे मिला अठारहवाँ स्थान
