प्रांतीय वॉच

आईपीएल चालू होते ही सटोरियों के अड्डे शहरी सीमा  के अंदर तथा बाहर …. पुलिस परेशान…!

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  • इन गुप्त अड्डों को पुलिस शहर में तलाश करती है लेकिन शहर में होते तो  मिलते … ? आस-पास के गांवों में सटोरियों ने सर्व सुविधा युक्त कंप्यूटराइज्ड सट्टा रूम बना रखे हैं…!!

अक्कू रिजवी / कांकेर : कल नहीं प्रतिवर्ष आईपीएल क्रिकेट का मौसम देश के सटोरियों के लिए बहार के मौसम की तरह आता है। इस वर्ष आशंका थी कि शायद कोरोना संक्रमण के कारण आईपीएल ना हो सके लेकिन ऐसा लगता है कि उच्च स्तर पर पूरी सेटिंग हो गई और आईपीएल जोकि भारत का ही टूर्नामेंट है उसे दुबई में किराए की जगह मिल गई । सारे देश के सटोरिए मारे खुशी के नाच उठे और अब जब हर जगह क्रिकेट सट्टा चल रहा है। जिसमें कांकेर भी अपवाद नहीं है । कांकेर की पुलिस हर प्रकार के सट्टे जुए को कंट्रोल करने में विगत कुछ वर्षों से नाम कमा रही थी। आईपीएल क्रिकेट सट्टे पर उसका भी बस नहीं चलता है क्योंकि पुलिस से बचने हेतु पिछली बार धोखा खाए हुए सटोरियों ने शहर के बाहर अपने गुप्त अड्डे बना लिए हैं और वही से सट्टा पट्टी तथा सट्टा ऑनलाइन दोनों प्रकार से अपने सट्टा प्रेमी ग्राहकों से कमा रहे हैं। इन गुप्त अड्डों को पुलिस शहर में तलाश करती है लेकिन शहर में होते तो  मिलते … ? आस-पास के गांवों में सटोरियों ने सर्व सुविधा युक्त कंप्यूटराइज्ड सट्टा रूम बना रखे हैं। जहां चाय पानी से लेकर दारु मुर्गा तक का उत्तम प्रबंध रहता है और थोक में आईपीएल सट्टे का कारोबार किया जाता है। जिसमें लाखों के वारे न्यारे हो रहे हैं और अधिकतर गरीब जनता एवं नई उम्र के नौजवान फँस कर अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं। सट्टे वालों जिन्हें खाईवाल कहा जाता है। उनकी तो बल्ले बल्ले है और इधर पब्लिक है कि समझने को तैयार नहीं कि किसी भी सट्टे में खेलने वाले का एक ही घर होता है और खेल करने वाले के बाकी सारे घर होते हैं। तो फिर जीत की संभावना तो खेलने वाले की 1% ही रहेगी ना ? लेकिन कांकेर के सट्टा खिलाड़ी इतने अधिक आशावादी हैं कि वह सोचते हैं कि एक  1% में भी उनका नंबर अवश्य लगेगा ? इसके लिए वे पूजा-पाठ नंबर गेम इधर-उधर फोन लगाने से लेकर सारी अटकल बाजियां कर डालते हैं। नतीजा यह होता है कि मूल रकम तो डूब ही जाती है ।अतिरिक्त खर्च भी डूब जाता है। ऐसे ही सट्टा खिलाड़ियों के कारण कांकेर के जाने-माने खाईवाल करोड़पति बन चुके । यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि ऐसे करोड़पतियो को प्रमुख राजनीतिक दलों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और छत्रछाया भी बनी रहती है।

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