- कांकेर के आसपास तथा संलग्न ग्रामों में अपने नए अड्डे समस्त सुविधाओं सहित स्थापित कर लिए हैं..!!
अक्कू रिजवी/ कांकेर : विगत लगभग एक वर्ष से कांकेर के जुआ सट्टा प्रेमी बड़े उदास थे। क्योंकि क्रिकेट कहीं हो नहीं रहा था और कांकेर के स्थानीय जुए के अड्डे पुलिस ने सख्ती के साथ धरपकड़ करते हुए बंद करवा दिए थे लेकिन आईपीएल का क्रिकेट सीजन चालू होते ही सट्टे वालों ने कांकेर के आसपास तथा संलग्न ग्रामों में अपने नए अड्डे समस्त सुविधाओं सहित स्थापित कर लिए हैं । जहां बैठकर मोबाइल के माध्यम से क्रिकेट सट्टा तो चलता ही है , लाखों का कैशलेस लेन-देन भी होता है और सबसे बड़ी बात , यारों की महफिल भी दारू मुर्गा के साथ जमती रहती है । कांकेर के अंदर सट्टा पट्टी और दारू की महफिल जमाने का साहस फिलहाल सट्टा प्रेमी भाई लोग नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि पिछले साल जुए सट्टे के अड्डों पर पुलिस ने बुरी तरह सख्ती के साथ अनेक कार्यवाहियाँ की थीं , जिसकी कड़वी यादें अब तक जुआ सट्टा प्रेमियों के दिमाग पर हावी हैं, साथ ही जब से लाॅक डाउन लगा है , पुलिस की गश्त शहर में बहुत बढ़ गई है और तमाम सट्टा प्रेमियों की सूची तथा पुराने अड्डों के पते -ठिकाने पुलिस की डायरी में तो मौजूद रहते ही हैं , इसीलिए असामाजिक तत्वों ने शहर के अंदर कोई रिस्क लेने से कान पकड़ लिए हैं और अपने नए अड्डे जिन्हें गुप्त अड्डे कहना चाहिए कांकेर शहर से संलग्न तथा आसपास के ग्रामों में केंद्रित कर लिए हैं । जिसके बारे में जुआ सट्टा प्रेमियों का ऐसा ख्याल है कि पुलिस खोजती रह जाएगी लेकिन नहीं पाएगी । इन गुप्त अड्डो में न केवल दारू मुर्गा पार्टी होती है बल्कि मोबाइल के माध्यम से साइबर सट्टा भी चलता है जो वर्तमान में दुबई में चल रहे आईपीएल क्रिकेट से ही अधिक संबंधित होता है । ऐसा पता चला है कि इनमें हर रात लाखों के वारे न्यारे होते हैं , जिनमें रायपुर नागपुर और मुंबई तक के बड़े बड़े दादा लोगों के साथ बंदर बंटवारा होता है। कहते हैं कि कानून और पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते हैं लेकिन वास्तविक जमीन पर जब देखा जाता है तो पता चलता है की सट्टा मास्टरों के हाथ पुलिस से भी लंबे होते हैं।

