रायपुर वॉच

एम्स में इस सत्र से पैरा मेडिकल और टेक्निशियन कोर्सेज की भी शुरूआत

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  • रोजगारपरक होंगे सभी कोर्सेज, अस्पताल की बढ़ती मांग को पूरा करने में होंगे सक्षम
  • बी.एससी. विभिन्न विषयों में कर सकेंगे, प्रेक्टिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप भी होगी


रायपुर : अस्पतालों में बढ़ती पैरा मेडिकल स्टॉफ और टेक्निशियन्स की कमी को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर में इस वर्ष कई नए रोजगारपरक कोर्सेज शुरू किए गए हैं। इसमें जीव विज्ञान और गणित से 12वीं पास करने वाले युवा बैचलर कोर्स कर सकेंगे। अधिकतर पाठ्यक्रमों में इंटर्नशिप और प्रेक्टिकल ट्रेनिंग का प्रावधान किया गया है जिससे छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान मिल सके।
एम्स में शुरू हुए इस सत्र से बी.एससी. इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी (साढ़े तीन वर्ष की अवधि का), बी.एससी. इन मेडिकल टेक्नोलॉजी इन रेडियोग्राफी, बी.एससी. इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बैचलर इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लेंग्वेज पैथोलॉजी और एडवांस डिप्लोमा इन रेडियोथैरेपी टेक्नोलॉजी संचालित होंगे। इनमें बीएएसएलपी और एडीआरटी में एक वर्ष की इंटर्नशिप का प्रावधान भी किया गया है जिससे छात्रों को अस्पतालों की व्यावहारिक ज़रूरतों का ज्ञान हो सके। आशा की जा रही है कि इससे छत्तीसगढ़ को भविष्य में प्रशिक्षित टेक्नीशियन मिल सकेंगे।इसके अलावा एम्स में एक वर्ष का प्री हॉस्पिटल ट्रामा टेक्निशयन कोर्स भी शुरू किया है जिसे 12वीं के बाद किया जा सकता है। निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने कहा है कि एम्स की स्थापना का उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं के साथ अनुसंधान और छत्तीसगढ़ को प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञ प्रदान करना है। यह प्रयास इसी का एक रूप है। उन्होने आशा प्रकट की है कि इससे कोविड-19 के बाद उत्पन्न हुई चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकेगा। नए कोर्सेज से प्रदेश में बढ़ रही टेक्नीशियन्स की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) एस.पी. धनेरिया का कहना है कि इन कोर्सेज को वर्तमान सत्र से प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें ओबीसी सहित सभी वर्गों के लिए सीटें नियमानुसार आरक्षित की गई हैं।

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