- समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
बालकृष्ण मिश्रा /सुकमा: कलेक्टर चंदन कुमार ने शासकीय राशि का गबन करने वाले ग्राम पंचायत सचिवों के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही सख्ती से करने के निर्देश दिए। मंगलवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित समय-सीमा बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शासकीय राशि का गबन करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने शासकीय राशि का गबन करने वाले सचिवों के विरुद्ध त्वरित सुनवाई कर वसूली का आदेश पारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे ग्राम पंचायत सचिवों के बैंक खातों को जब्त करने के साथ ही अचल संपत्ति का चिन्हांकन करने के निर्देश भी दिए, जिससे गबन की गई राशि की वसूली की जा सके।
कलेक्टर ने वन नेशन वन राशन योजना के तहत राशन कार्डों मंे दर्ज सदस्यों के आधार लिंकिंग में बरती जा रही लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और कार्य में तेजी नहीं लाने पर खाद्य विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी। उन्होंने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अभियंता के बिना किसी सूचना के मुख्यालय छोड़ने पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, ऊर्जा विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं की विस्तृत समीक्षा करते हुए सभी कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, हाट बाजार, सड़क, पुल-पुलिया सहित निर्माणाधीन अधोसंरचनाओं के कार्य में तेजी लाने को कहा।
शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरुआ, घुरवा बाड़ी कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि उपार्जन किए गए खाद को वर्मी और नाडेप टाका में भराई का कार्य निरंतर जारी रहे। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत तैयार नाडेप और वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से ही किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने चारागाहों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यस्था करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने शासन द्वारा तैयार किए जा रहे वनोपज संग्राहकों की आॅनलाईन जानकारी के कार्य को तत्परता से करने पर कलेक्टर ने वन विभाग एवं ई-डिस्ट्रिक्ट की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा वन संग्राहकों की सहुलियत के लिए आॅनलाईन जानकारी तैयार की जा रही है। सुकमा जिले के अधिकांश वनोपज संग्राहक दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं। इसके बावजूद वन विभाग और ई-डिस्ट्रिक्ट के अधिकास्ी-कर्मचारियों ने अपने अथक परिश्रम से जानकारी इकट्ठा कर पोर्टल पर अपलोड किया।