किरीट ठक्कर/गरियाबंद। केवल मौखिक शिकायतों के आधार पर नगर के एक युवा ( संविदा कर्मी ) को कार्यालय जिला पंचायत गरियाबंद द्वारा नौकरी से निकाल दिया गया। बीकॉम फर्स्ट डिवीजन पीजीडीसीए डिप्लोमा होल्डर हेमंत कुमार सोनी पिता चंद्रिका प्रसाद निवासी बजरंग चौक गरियाबंद की नियुक्ति कार्यालय जिला पंचायत रायपुर द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना छ ग अंतर्गत जिला रायपुर के लिए स्वीकृत लेखापाल ( संविदा ) के पद पर सन 2010 में की गई थी। नियुक्ति के बाद हेमंत सोनी जनपद पंचायत देवभोग , फिर 2012 में स्थानांतरण के बाद जनपद पंचायत कार्यालय गरियाबंद और उसके बाद 2017 तक जिला पंचायत कार्यालय गरियाबंद में लेखपाल ( संविदा ) के पद पर कार्यरत रहे। इस दौरान कई अधिकारियों ने उन्हें कार्य अनुभव प्रमाण पत्र दिया। किन्तु अचानक नवंबर 2017 में कार्यालय जिला पंचायत गरियाबंद द्वारा हेमंत सोनी को पद से पृथक किये जाने के संबंध में एक महीने का नोटिस थमा दिया गया।
उक्त नोटिस जारी करते हुए तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गरियाबंद द्वारा हेमंत सोनी को तीन दिवस के भीतर स्वयं उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने लेख किया गया था , हेमंत सोनी ने तीन दिवस के भीतर 9 कंडिकाओं में अपना जवाब प्रस्तुत किया , किन्तु जवाब संतोषप्रद नही का लेख करते हुए 15 दिसंबर 2017 को हेमंत सोनी को पद से पृथक कर दिया गया। हेमंत का कहना है कि तबियत खराब होने की वजह से मैंने 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक अवैतनिक अवकाश लिया था। मुझ पर लेखा संबंधित कार्य लंबित रखने का झूठा आरोप लगाया गया। ये आरोप सरासर झूठा है इसकी पुष्टि शाखा में संचालित योजनाओं के केश बुक प्रविष्ठियों से हो जाती है। मेरे नियमित कार्यालय में उपस्थित नही होने की मौखिक शिकायत की गई , जबकि मेरी उपस्थिति की गवाही बायोमेट्रिक्स रिपोर्ट के माध्यम से हो सकती है।
दूसरी बार भी कर दिया अपात्र
हेमंत सोनी बताते हैं कि वर्ष 2018 में कार्यालय जिला पंचायत द्वारा तकनीकी सहायक , लेखापाल , सहायक ग्रेड 03 ( संविदा नरेगा प्रकोष्ठ ) के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, इसमें भी हेमंत सोनी को अपात्र कर दिया गया , कारण – कार्य के प्रति लापरवाही और पूर्व में पद से पृथक किया जाना बताया गया। जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं किया जाना चाहिये था। उनकी दावा आपत्ति भी अमान्य कर दी गई। वर्ष 2018 में जिस अभ्यर्थी को लेखपाल के पद पर नियुक्त किया गया उससे हेमंत कुमार के टोटल मार्क्स अधिक है।
रोजगार सहायक भर्ती में गड़बड़ी : चेतावनी , भूल क्षमा से चल गया काम
हेमंत कुमार सोनी बताते हैं कि वर्ष 2017 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी ( मनरेगा प्रकोष्ठ ) जनपद पंचायत गरियाबंद द्वारा रोजगार सहायकों के 28 पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। भर्ती प्रक्रिया के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति गठित की गई थी इनमें आरईएस के एसडीओ एस डी बिलगैय्या ,जनपद के करारोपण अधिकारी अशोक ध्रुव तथा सहायक प्रोग्रामर वीनू यादव सदस्य थे। इस भर्ती में जमकर फर्जीवाडा किया गया, मामले में 7 बिंदुओं में शिकायत की गई। जांच समिति गठित की गई , जांच समिति द्वारा की गई जांच में फर्जीवाड़ा प्रमाणित भी हुआ , किन्तु दोषियों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कि गई , भूलवश , त्रुटि , क्षमा , चेतावनी का खेल खेलते हुए भर्ती प्रक्रिया निरस्त की गई थी। केवल सहायक प्रोग्रामर वीनू यादव का स्थानांतरण कर दिया गया।
हेमंत सोनी कहते हैं कि प्रशासन का ये दोहरा चरित्र प्रजातांत्रिक नही है। हेमंत सोनी ने अपने अधिकार के लिए हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है।

