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सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए 25 ग्रामो में ग्राम सभा का आयोजन दुल्लापुर और सेतवा में विवाद

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  •  बीट क्रमांक पी /8 एवम पी/9 में अधिकार पाने दुल्लापुर के निवासियों ने दिया था आवेदन।
  •  सेतवा के ग्रामीणों ने आपत्ति जताते हुए कहा 40 साल से हम कर रहे वनों की देखरेख।
 मयंक सुराना/गंडई पंडरिया: शासन की महत्वकांक्षी योजना सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए ग्रामो में सहमति प्रस्ताव पारित कराने के लिए जनपद के 25 ग्रामो में ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों को इस योजना की जानकारी सहित उनकी सहमति एवम असहमति लिखित में लिया जा रहा है ।जानकारी अनुसार इसके लिए जनपद पंचायत छुईखदान के सीईओ ने पत्र जारी किया है जिसमे 25 ग्रामो में सभा तय किया गया था ।सभा लेने के लिए वन विभाग के कर्मचारी एवम ग्राम पंचायतों के सचिव को तय किया गया था।जिनके द्वारा इस कार्य के लिए ग्रामो में सभा लगाकर पंचनामा तैयार किया गया है।
 जाने क्या है सामुदायिक वन संसाधन अधिकार
सामुदायिक वन संसाधन अधिकार मतलब ग्राम सभा को अपनी पारंपरिक सीमा के अंदर स्थित जंगल के सभी संसाधनों पर मालिकाना हक़। इस अधिकार का दावा करने के लिए ग्राम की पारंपरिक सीमा का राजस्व, पंचायत अथवा वन विभाग द्वारा निर्धारित सीमा के अनुरूप होना ज़रूरी नहीं है।
  सामुदायिक वन संसाधन अधिकार का दावा प्रक्रिया
दावा करने हेतु ग्राम सभा द्वारा अपने वन अधिकार समिति को इस हेतु अधिकृत किया जाता है। वन अधिकार समिति इसके बाद अपने ग्राम की सीमा से लगे सभी ग्रामों के वन अधिकार समितियों के अध्यक्ष तथा सचिवों की बैठक बुलाती है। इस बैठक में ग्राम के बुज़ुर्ग व्यक्ति तथा पारंपरिक मुखिया जैसे पटेल, गायता, ठाकुर, बैगा, इत्यादि को भी बुलाया जाता है जो पारम्परिक सीमाओं का विशेष रूप से ज्ञान रखते हों।और उनके द्वारा बताए कथन अनुसार पंचनामा तैयार किया जाता है।
दुल्लापुर और सेतवा में वन अधिकार को लेकर मतभेद
नगर के नजदीकी ग्राम पंचायत दुल्लापुर में वन भूमि पी/8 और पी/9 को लेकर खीचतान चल रहा है बीते दिनों उक्त बीट पर अधिकार पाने ग्राम दुल्लापुर के ग्रामीणों ने लिखित आवेदन किया था जिसके बाद उक्त बातो की भनक सेतवा के ग्रामीणों को हुवा और उन्होंने इसके बटवारे को लेकर आपत्ति जताई और इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों एवम जनपद को किया था ।सेतवा के ग्रामीणों का कहना था कि बीते 40 सालों से सेतवा के अंतर्गत आने वाले वन की देखभाल हम लोग कर रहे अन्य ग्राम जिन्हें इस जंगल से कोई लेना देना नही है उन्हें अधिकार दिया जाना गलत है। सयुक्त वन प्रबन्धन समिति ग्राम सेतवा के अध्यक्ष दीना नाथ यादव,शिव कुमारी साहू,रैना बाई,सोयोगी बाई, उपाध्यक्ष जगराखन धुर्वे,बहुर सिंग धुर्वे,मन्नू पटेल,बरसाती साहू,जगत यादव,अकलहिंन बाई,कांतू साहू आदि ने बताया कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार देने के लिए ग्राम पंचायत दुल्लापुर के गाँव दुल्लापुर में ही सभा का आयोजन किया गया था और पी/9 के आधा हिस्से का बंटवारा कर दिया गया था जिस पर हम लोगो ने सीईओ के पास आपत्ति पत्र लगाया था जिस पर आज पुनः हमारे गाँव सेतवा मे सभा का आयोजन किया गया है।चुकी हमारी समिति बीते 40 सालों से वनों की देखरेख कर रहा है।निस्तारी के लिए दुल्लापुर के ग्रामीण हमारे वन का उपयोग करते है जिसके लिए हमारे ग्राम द्वारा कोई रोक टोक नही किया जाता है पर उन्हें वन संसाधन अधिकार दिया जाना एवम पी/9 का आधा हिस्सा दिया जाना गलत है हम ग्राम वासियो ने इसका लिखित विरोध किया है इसके बाद भी अगर दुल्लापुर को अधिकार दिया जाता है तो इस मामले को लेकर हम उच्च अधिकारियों एवं मंत्रियों तक जाने से पीछे नही हटेंगे।
वर्जन
प्रकाश चंद तारम सीईओ जनपद पंचायत छुईखदान का कहना है कि 25 ग्रामो में सभा का आयोजन करवाया गया है जहा इसके लिए प्रकरण तैयार किया गया है प्रकरण को जिला स्तरीय वन अधिकार समिति को सौपा जाएगा जहा से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार तय किया जाएगा।
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