पुलस्त शर्मा/ मैनपुर : आदिवासी विकासखंड मैनपुर के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र ग्राम पंचायत गोना के रक्शापथरा पहाड़ पर जंगलो के बीच इन दिनों रक्शा झरना अपनी प्राकृतिक सुन्दरता पर है। झर झर की आवाज मन को मोह लेती है। रक्शा जलप्रपात नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां बहुत कम शैलानियों का आना जाना होता है। क्षेत्र के लोगो की मान्यता है,कि रक्शा पहाड़ रामायण काल में घने वन से आच्छादित होने के साथ ही यहां राक्षसो का वास हुआ करता था। अपने वनवास काल के दौरान प्रभु श्रीराम इस क्षेत्र को असुर से मुक्त किया था। तब से यह छत्तीसगढ़ी में रक्शा अर्थात राक्षस के नाम से जाना जाता है।इस पहाड़ मे राक्षसो के अवशेष ही है। इस क्षेत्र मे कई प्राकृतिक झरना है। जो गुमनामी के गर्त मे समाया हुआ है। इस खुबसूरत वाटर फाल के तरफ प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के इंतजाम पर्यटन मंडल को करना चाहिए। वैसे यहाँ मात्र चार माह ही बारिश के दिनों मे वाटर फाल देखने को मिलता है। बहरहाल रक्शा जल प्रपात की खुबसुरती को देखने बीहड जंगलो को पार कर पहुचने के बाद ही अहसास किया जा सकता है ।
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