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वन अधिकार पत्र से होगी वनों की रक्षा और वनवासियों को मिलेंगे आय के साधन- मुख्यमंत्री

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  • सरगुजा जिले के 141 समूहों को मिला वन अधिकार पत्र
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन अधिकार पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न

    अम्बिकापुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित वनाधिकार पत्र वितरण समारोह में सरगुजा जिले के 141 आदिवासी समूहों को वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्रदान किया गया। इसमे सामुदायिक वन अधिकार 127 तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र 14 शामिल है। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का कुल क्षेत्रफल 9571.448 हेक्टेयर तथा सामुदायिक वन अधिकार पत्र का कुल क्षेत्रफल 1836.832 हेक्टेयर है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, आदिम जाति विकास मंत्री डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, विधायक श्री मोहन मरकाम, मुख्य मंत्री के सलाहकर श्री राजेश तिवारी, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रधान वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल ने कहा कि महात्मा गांधी ने सम्पूर्ण मानवता का जो संदेश दिया है वह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। महात्मा गांधी के सपनो को साकार करने के लिये हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना लागू की है। इसी प्रकार वन क्षेत्रों के निवासियों के आजीविका कर साधन के लिए अब सामुदायिक के साथ ही वन प्रबंधन के भी अधिकार दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन अधिकार पत्र के बारे में  वन वासियों को बताएं  कि इससे वनों की रक्षा तो होगी ही इससे आय के साधन भी उपलब्ध होंगे। कुपोषण एवं एनीमिया को भी दूर कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि वनाधिकार देना ही काफी नही है इसे लोगो के जीवन मे परिवर्तन लाना महत्वपूर्ण है। वन विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के साथ बैठक कर कौन से कार्य स्वीकृत कराना है और क्या फसल लगाना है इसकी योजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्रों में लोगो को आजीविका मिलेगी तो रोजगार के लिए पलायन भी रुकेगी। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वनाधिकार पत्र की जमीन में फलदार पौधे लगवाए तथा पौधों के बीच खाली जमीन में आयमूलक खेती जैसे अदरक, हल्दी, जिमी कंद एवं तीखुर की खेती के बारे में बताएं ।  वीडियो कांफ्रेंसिंग कार्यक्रम में अम्बिकापुर स्थित स्वान कक्ष से कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा, लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, डीएफओ श्री पंकज कमल, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री जे आर नागवंशी जुड़े हुए थे।

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