बागबाहरा । ग्राम नर्रा में बुधवार की देर रात हुई पुलिस के साथ झूमा-झटकी और तोड़फोड़ भले ही शांत है लेकिन, अभी भी ग्रामीणों की चुप्पी शांत नहीं हुई है। दरअसल, नर्रा के ग्रामीण हुलास-ओंकार गैंग मादक पदार्थों की तस्करी किए जाने को लेकर एक ओर खड़े हैं। वहीं कोमाखान पुलिस पर गंभीर आरोप ग्रामीणों ने लगाई है, इस मादक तस्करी गैंग को पुलिस की मिलीभगत से संचालन होना बताया गया है, जिसके मांग को लेकर पुलिस में ग्रामीणों ने कई बार सूचना देना भी बताया है। आखिरकर इस मामले को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा पुलिस पर टूट गया और उनके वाहन को तोड़फोड़ कर आक्रोश दिखाया है। कोमाखान थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम नर्रा में खुले रुप से उडीसा ब्रांड शराब की अवैध बिक्री की जा रही थी। इसकी शिकायत लिखित सहित मौखिक रूप में समय समय पर की जा रही थी। लेकिन पुलिस और अवैध कारोबार के मध्य आपसी सांठगांठ से यह व्यापार फल फूल रहा था। प्राप्त जानकारी अनुसार कोमाखान थाना क्षेत्र के ग्राम नर्रा में 30तारीख के दरमियान रात में अवैध शराब कारोबारी और ग्रामीण के बीच जमकर मारपीट हो गया। मारपीट की खबर पाकर कोमाखान थाना प्रभारी प्रदीप मिंज दलबल सहित नर्रा पहुंचे। जहां कोमाखान पुलिस को शराब माफियाओं को शह देने की बात को लेकर ग्रामीणों ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोक दिये और पुलिस वाहन पर तोडफोड कर दिये आक्रोशित ग्रामीणों और पुलिस के बीच अवैध शराब मामले को लेकर विवाद हो गया सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक पुलिस बल के सांथ सैंकड़ों ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद भी हुआ है प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बड़ी संख्या में महिला पुरुष जमा हुए और झूमा झटकी पुलिस वाहन में तोडफोड कर दिया।यहां शराब तस्करों व्दारा लंबे समय से अवैध शराब का बिक्री की शिकायत होती रही पर अवैध शराब को पुलिस रोकने विफल रही। रात शराब लाबी ने ग्रामीणोंसांथ मार पीट कर दिये जिसके चलते गांव में स्थिति विस्फोटक हुआ है। नर्रा में हुये घटना की सूचना पाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुलिस बल के साथ देर रात नर्रा पहुंचे और ग्रामीणों के सांथ बैठकर चर्चा की।
पुलिस व आबकारी विभाग पर सवालिया निशान- खरियाररोड उडीसा ब्रांड शराब खुले आम मुख्य मार्ग एनएच 353 के रास्ते चार पहिया वाहन से लाया जाता है जबकि कोरोना संक्रमण के चलते जोंक नदी से होकर छत्तीसगढ़ आने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था पुलिस तैनात है । परन्तु अनेक स्थानों पर ओड़िसा की शराब का आना व बेखौफ शराब का बिकना इनकी मिली भगत की पुष्टि करता है। पूर्व से नामचीन इन शराब तस्कर तक आबकारी व पुलिस के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठना लाजिमी है।
सबसे बडे लापरवाह तो आबकारी विभाग- इस पूरे मामले में आबकारी विभाग की चुप्पी समझ से परे है। उनकी चुप्पी इस बात की पुष्टि करता है कि आबकारी विभाग के मिलीभगत से इस क्षेत्र में व्यापक मात्रा में शराब की अवैध बिक्री जोरों पर है इस विभाग की उदासीनता के चलते कई जगह शराब की चुलाई भी किया जा रहा है। अवैध शराब के चलते क्षेत्र मे यह गोरख धंधा जोरों से फलफूल रहा है। कोमाखान ही नही वरन क्षेत्र के कई ग्रामों में शराब चुलाई का उद्योग संचालित है। पीने पिलाने वालों का जमघट लगा रहता है पर आबकारी एंव पुलिस को शराबियों का जमघट नजर नही आता जी कि समझ से परे है।
कोमाखान थाने में बैठकों का दौर जारी
ग्राम नर्रा में हुए मारपीट व पुलिस वाहन की तोड़फोड़ के बाद गुस्साये ग्रामीण और पुलिस के मध्य शांति व्यवस्था स्थापित करने मेघा टेम्भूरकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में लगातार बैठक चल रहा है। नर्रा की स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, ग्रामीणों साथ अभी बैठक चल रही है।