सुकमा : हाथरस दुष्कर्म मामले में पीडि़ता के शव का आधीरात अंतिम संस्कार किए जाने से पुलिस सवालों के घेरे में है। बिना परिवार की रजामंदी के अंतिम संस्कार करने को लेकर चौतरफा विरोध हो रहा है। परिवार व गांव वाले इसके लिए पुलिस व प्रशासन को दोषी मान रहे हैं। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष कवासी हरीश ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। कवासी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह तो निर्दयता की हद है। यूपी में रावणराज चल रहा है। एक मासूम का बर्बरता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है और 15 दिन तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद पीडिता की मौत हो जाती है। हरीश ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर हाथथरस पुलिस को ऐसी क्या जल्दी थी कि आधी रात को ही पीडि़ता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया वो भी पीड़िता के परिजनों के बिना इजाजत लिये।आखिर पुलिस क्या छिपाना चाह रही है? पीएम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यदि पीएम रिपोर्ट सही है तो पुलिस ने आधी रात को बिना परिवार की रजाबंदी के आखिर अंतिम संस्कार क्यों किया। हाथरस पुलिस का यह कार्य कई तरह के संदेह पैदा कर रहा है। हरीश ने कहा कि इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को फास्टट्रैक कोर्ट के जरिये जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जाना चाहिए।
हाथरस रेप काण्ड को कवासी हरीश ने बताया बर्बरता की सारी हदें पार : जगन्नाथ साहू
