दुर्ग : निजी स्कूलों में भी अब जल्द ही निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी दुर्ग विधायक अरुण वोरा के हस्तक्षेप के बाद पाठ्यपुस्तक निगम व निजी स्कूलों के बीच का गतिरोध दूर हो गया है। वोरा के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से अब अस्थाई डिपो बना कर निजी स्कूलों तक पाठ्यपुस्तक पहुंचाई जाएंगी। गौरतलब है कि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से स्कूल कालेजों का शिक्षण सत्र एवं छात्र छात्राओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। अप्रैल माह से शुरू होने वाले सत्र को अब तक प्रारंभ नहीं किया जा सका है व शासन के निर्देश पर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से ही पाठ्यक्रम पूर्ण कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किन्तु छत्तीसगढ़ राज्य पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छात्रों को वितरण किए जाने वाली किताबें भी अब तक निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों तक नहीं पहुंच पाई हैं। निजी विद्यालय संचालक संघ, दुर्ग जिला के अध्यक्ष शैलेंद्र गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि दुर्ग जिले के निजी स्कूलों को वर्ष 2020-21 के लिए निशुल्क पुस्तकों का वितरण आज तक नहीं किया जा सका है। संघ की ओर से 7 अगस्त को जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया था। इसके बावजूद अब तक निजी स्कूलों को पुस्तकें प्रदान नहीं की गई। जिसके बाद संघ ने विधायक वोरा से गुहार लगाई जिसके पश्चात उन्होंने टीबीसी के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी से बात कर पुस्तकें जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शीघ्र बंटवाने का आग्रह किया। इसके पूर्व टीबीसी खुद पुस्तकों का वितरण करती थी किन्तु इस वर्ष कोविड की वजह से यह अब तक संभव नहीं हो पाया था। वोरा ने कहा है कि पुस्तकें न मिलने के कारण कारण छात्रों और अध्यापकों को अध्यापन कार्य में काफी परेशानी हो रही है। वोरा ने पापुनी अध्यक्ष त्रिवेदी से निजी विद्यालय संघ की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सभी स्कूलों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित करने निर्देश देने का अनुरोध किया है।
निजी स्कूलों में जल्द पहुंचेंगी निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, विधायक वोरा के हस्तक्षेप से दूर हुआ गतिरोध
