रायपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के हिंदी पखवाड़े का समापन बुधवार को पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर एम्स के निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने रोगियों के साथ अधिक से अधिक संप्रेषण के लिए हिंदी का प्रयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा है अतः दैनिक जीवन में इसका अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। इससे पूर्व राजभाषा प्रकोष्ठ के अंतर्गत सभी विभागाध्यक्षों की बैठक में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की गई। प्रो. नागरकर ने कहा कि दैनिक जीवन में सरल और सामान्य हिंदी का प्रयोग किया जाना चाहिए जिससे गैर हिंदी भाषी भी इसके प्रयोग के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित हो सके। अधिष्ठाता प्रो. एस.पी. धनेरिया का कहना था कि परीक्षा संबंधी कई कार्य अब अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त फार्माकोलॉजी के कई मॉड्यूल्स भी हिंदी में तैयार किए गए हैं। वित्त सलाहकार बी.के. अग्रवाल ने कहा कि एकाउंट्स विभाग द्वारा भेजे जाने वाले सभी एसएमएस हिंदी में ही प्रेषित किए जा रहे हैं। हिंदी अधिकारी (प्रभारी) एस.एस. शर्मा ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। बैठक के उपरांत हिंदी पखवाड़े के सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इसमें 14 से 28 सितंबर के मध्य आठ प्रतियोगिताएं 15 वर्गों में आयोजित की गई। इनमें 297 ऑफ लाइन और 16 ऑन लाइन प्रतिभागियों ने भाग लिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रो. सरिता अग्रवाल, प्रो. आलोक अग्रवाल, डॉ. आशुतोष त्रिपाठी, डॉ. विक्रम पई, डॉ. राकेश कुमार गुप्ता सहित कई चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शाहरूख खान, मधुरागी श्रीवास्तव, किशन दास, उमेश पांडेय, सैयद शादाब और आदित्य कुमार शुक्ला ने भाग लिया।
प्रभावी संवाद के लिए हिंदी सर्वाधिक उपयुक्त भाषा : एम्स में हिंदी पखवाड़े का समापन, प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत
