मैनपुर : जिला गरियाबंद रूपसिंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता भगत सिंह जी को याद करते हुए कहा कि हम शहीद भगत सिंह जी जयंती में मैं समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगत सिंह जी को नमन करता हूं क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक हुकूमत जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से का शासन था इसके बारे में कहा जाता है कि उनके शासन में सूर्य कभी हस्त नहीं होता इतनी ताकतवर हुकूमत एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी श्री साहू ने भगत सिंह जी की वीरता के साथ-साथ उनकी विद्वता का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह जी पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान भी थे चिंतक थे अपने जीवन की चिंता किए बगैर भगत सिंह जी और उनके क्रांतिवीर साथियों ने ऐसे साहसिक कार्य को अंजाम दिया था जिनका देश के आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा उन्होंने कहा शहीद वीर भगत सिंह जी के जीवन का एक और खूबसूरत पहलू यह है कि टीमवर्क के महत्व को बखूबी से समझते थे लाला लाजपत राय जी के प्रति उनका समर्पण हो या फिर चंद्रशेखर आजाद सुखदेव राजगुरु समेत क्रांतिकारियों के साथ उनका जुड़ाव उनके लिए भी व्यक्तिगत गौरव के साथ जुड़ाव उनके लिए भी गौरव महत्वपूर्ण नहीं रहा।
श्री साहू ने कहा वह जब तक जिए सिर्फ एक मिशन के लिए जिए उसी के लिए उन्होंने अपना बलिदान दे दिया वह मिशन था भारत को न्याय और अंग्रेजों शासन से मुक्ति दिलाना। अंग्रेजी हुकूमत से देश के आजादी के लिए चलें राष्ट्रवादी आंदोलनों में भगत सिंह का नाम सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में आता है भगत सिंह जी का जन्म 28 सितंबर सन 1907 को अविभाजित भारत में लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था जो आप पाकिस्तान में है उनका पैतृक गांव खटकड़ कला है जो पंजाब भारत में हैं भगत सिंह के विचार बेहद उल्लेखनीय हैं जिन्हें पढ़ने के बाद उनके क्रांतिकारी विचारों का पता चलता है भगत सिंह के विचार युवाओं में देश प्रेम और कांति की प्रेरणा देते हैं मैं भगत सिंह जी की जयंती पर सादर नमन करता हूं।