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पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का निधन, प्रधानमंत्री ने फोन कर दी श्रद्धांजलि

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  • 2014 से कोमा में थे, छह साल बाद हार गए जिंदगी की जंग

नई दिल्ली : पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक जसवंत सिंह का निधन हो गया है। वह 82 साल के थे और पिछले छह साल से कोमा में थे। दिल्ली के आर्मी अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘पूर्व कैबिनेट मंत्री मेजर जसवंत सिंह (रिटा) का आज सुबह 6.55 बजे निधन हो गया। उन्हें जून को भर्ती कराया गया था और सेप्सिस के साथ मल्टीऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम का इलाज चल रहा था। उन्हें आज सुबह कार्डियक अरेस्ट आया। उनका कोविड स्टेटस निगेटिव है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, बीजेपी के दिग्गज और पूर्व मंत्री जसवंत सिंह के निधन से बेहद दुखी हूं। उन्होंने रक्षा मंत्री समेत कई अहम पदों पर देश की सेवा की। बतौर मंत्री और सांसद उनका कार्यकाल यादगार रहा है। जसवंत सिंह जी को उनकी बौद्धिक क्षमताओं और देशसेवा की शानदार रिकॉर्ड के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सिंह को याद करते हुए लिखा, उन्हें परमाणु शक्ति वाले भारत की विदेश नीति तैयार करने के लिए खासतौर पर याद किया जाएगा। विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय डिप्लोमेट्स से शानदार काम कराया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने जसवंत सिंह के निधन पर शोक व्यक्ति किया है।

रक्षा के अलावा वित्त और विदेश मंत्रालय भी संभाला
भारतीय सेना में मेजर रहे जसवंत सिंह ने बाद में राजनीति का दामन थाम लिया था। बीजेपी की स्थापना करने वाले नेताओं में शामिल जसवंत ने रायसभा और लोकसभा, दोनों सदनों में बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने 1996 से 2004 के बीच रक्षा, विदेश और वित्त जैसे मंत्रालयों का जिम्मा संभाला। बतौर वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने स्टेट वैल्यू ऐडेड टैक्स (ङ्क्रञ्ज) की शुरुआत की जिससे रायों को यादा राजस्व मिलना शुरू हुआ। उन्होंने कस्टम ड्यूटी भी घटा दी थी। 2014 में बीजेपी ने सिंह को बाड़मेर से लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था। नाराज जसवंत ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा मगर हार गए थे। उसी साल उन्हें सिर में गंभीर चोटें आईं, तब से वह कोमा में थे।

पीएम मोदी ने मानवेंद्र को किया फोन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जसवंत के बेटे मानवेंद्र से फोन पर बात की और अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, जसवंत सिंह जी ने पहले एक सैनिक के रूप में देश की सेवा की, फिर राजनीति के साथ लंबे वक्त तक जुड़े रहकर। अटली की सरकार में, उन्होंने महत्चपूर्ण विभाग संभाले और वित्त, रक्षा तथा विदेश मामलों के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं। उन्हें राजनीति और समाज के विषयों पर अनूठे नजरिए के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी को मजबूत करने में भी योगदान दिा। मैं हमेशा हम दोनों के बीच हुई बातचीत याद रखूंगा।

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