गरियाबंद। कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला को भ्रष्टाचार में लिप्त गुंडों द्वारा मारपीट करना राज्य में गुंडाराज की छवि को दिखाता है और राज्य सरकार के उस झूठ को भी बेनकाब करता है जिसमे उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून की बात कही थी। पत्रकार कमल शुक्ला के साथ मारपीट करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल साहू और राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि कांकेर में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर किया गया हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। इस पूरे घटना पर पुलिस की भूमिका बेहद ही शर्मनाक है, खुलेआम बाजार में कांग्रेसी गुंडों द्वारा माँ बहन की गन्दी गाली देना और सरेआम मारपीट करने की घटना का जितनी भी निंदा किया जाए बहुत कम है।
कांकेर में अब तक 300 से ज्यादा गुंडों ने 25 से ज्यादा पत्रकारो पर जानलेवा हमले किये हैं और कुछ पत्रकारो की हत्या तक कर दी गई थी। पत्रकारों द्वारा लम्बे समय से राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग किया जा रहा है, उस सघंर्ष मे भी कमल शुक्ला की अग्रणी भूमिका थी। कांग्रेस उस समय बड़ी बड़ी बाते की और पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की बात कही जो आज दो साल तक नही बन पाया है। आज कांकेर की इस अमानवीय घटना ने काँग्रेस की मानवीय चेहरे को उजागर कर दिया है।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा ने भूपेश बघेल की सरकार से मांग किया कि पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए। कमल शुक्ला एंव अन्य पत्रकारों पर जिन कांग्रेसी गुंडों ने हमला किया है उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पत्रकारो की पूर्ण सुरक्षा की व्यवस्था किया जाय।