नगरी / राजशेखर नायर : बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिये एलबेंडाजोल नामक टैबलेट दी जाती है। राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस सभी स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और दूसरे हितधारकों को मिट्टी-संचारित कृमि संक्रमण के खात्मे के लिये प्रयास करने हेतु प्रेरित करता है। मल द्वारा दूषित मिट्टी के माध्यम से फैलने वाले कृमियों (कीड़ों) को मिट्टी-संचारित कृमि (STH) या आंत्र परजीवी कीड़े कहा जाता है।गोल कृमि, वीप वार्म, अंकुश कृमि वे कीड़े हैं जो कि मनुष्य को संक्रमित करते हैं।विश्वभर में 836 मिलियन से अधिक बच्चों को परजीवी कृमि संक्रमण का ज़ोखिम होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 1-14 वर्ष की आयु वर्ग के 241 मिलियन बच्चों को मिट्टी-संचारित कृमि संक्रमण का ज़ोखिम है। प्रधान पाठक टिकेश साहु, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योतिनंदा साहू, मितानिन सुनिती साहु का सहयोग रहा
बच्चों को कृमि मुक्त करने के ग्राम छिपली में कृमि दिवस पर घर,घर जाकर बच्चों को कृमि की दवाई दी गई
