- मनचाहे तरीके से करती हैं वसूली
जैजैपुर : जनपद पंचायत जैजैपुर के अंतगर्त आनेवाले ग्राम पंचायत नन्देली के सरपंच प्रतिनिधि और ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत जैजैपुर पहुंच कर पंचायत के रोजगार सहायिका के द्वारा रुपयों की मांग किये जाने की शिकायत की है और उनका स्थानान्तरण किसी अन्य ग्राम पंचायत में कराने की माँग की है। सरपन्च प्रतिनिधि और ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत नन्देली की रोजगार सहायिका सोनी पलाँगे के द्वारा गाँव में कराये जाने वाले रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत तमाम कार्यों के दौरान तमाम मजदूरों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए बात करती हैं, और जाॅब कार्ड ,प्रधानमंत्री आवास आदि बनवाने के बदले में किसी से दो सौ ₹,चार सौ ₹ ,पाँच सौ ₹ और किसी से हज़ार रुपये तक की माँग की जाती है ,और नहीं देने पर प्रधानमंत्री आवास सूची से पक्का मकान बताकर नाम कटवा देने की धमकी दी जाती है । ग्रामवासी इनके इस रवैये से काफ़ी परेशान हैं लेकिन चुँकि खुद को बड़े नेता तक पहुंच रखने का रौब दिखाकर लोगों को डराने के कारण कोई भी खुल कर सामने नहीं आ रहे हैं हालांकि कुछ लोगों ने (नाम नहीं बताने की शर्त पर )इस तरह की बात होने की सूचना कुछ पत्रकारों को दी और खबर के माध्यम से सरकार और जिम्मेदार अधिकारी तक बात पहुंचाने की विनती की तो हमारे संवाददाता अपने एक अन्य पत्रकार साथी के साथ नन्देली गाँव पहुँच कर कुछ लोगों से रोजगार सहायिका सोनी पलाँगे द्वारा किसी प्रकार की फ़ीस मांगने की जानकारी ली गयी तो एकाएक उनको ऐसा झटका लगा जैसे कि अगर वे रोजगार सहायिका के खिलाफ कुछ भी कहने को तैयार नही है । जनता में भय पैदा कर दी प्रधानमंत्री आवास आपसे छिन जायेगा और कइयों ने तो माइक के सामने कुछ भी बोलने से मना कर दिया जबकि बिना कैमरा और माईक के सामने उन्होंने भी इस बात को माना की सोनी पलाँगे द्वारा जियो टेकिंग के दौरान पेट्रोल-पानी के नाम पर 500-500 रुपयों की माँग की गयी है। जबकि कुछ लोगों ने कैमरे के सामने भी इस बात की सच्चाई की तस्दीक की। हालांकि गाँव में पत्रकारों के आने की भनक जैसे ही रोजगार सहायिका को लगी तो वो तुरन्त ही प्रत्येक हितग्राहियों के घर पहुंच कर उनसे लिखित में यह ले लिया कि “हमने रोजगार सहायिका सोनी पलाँगे को किसी भी प्रकार का कोई पैसा नहीं दिया है ” अब यहाँ पर प्रश्न यह उठता है कि यदि रोजगार सहायिका ने कोई पैसा लिया ही नहीं था तो फ़िर लिखा कर लेने की आवश्यकता क्यों पडी़। इससे साफ यह होता है कि पत्रकार की डर से अपने बचाव के लिए लिखित में मकान मालिक से डरा कर ले ली है। सभी आवास मालिक से क्यों लिखा कर रोजगार सहायिका ली है जबकि अन्य रोजगार सहायिका इस तरह से लिखा कर ले रहे है क्या ।जो कि जांच का विषय भी है और जिसकी जांच होनी भी चाहिए । इसके अलावा रिपोर्टिंग पर गये संवाददाताओं ने जब सोनी पलाँगे से उनका पक्ष जानना चाहा तो सोनी पलाँगे और उनके भाइयों द्वारा लगभग आधे घंटे तक पत्रकारों के साथ बहस किया और बुरा-भला कहा गया और बिना लिखित शिकायत के पत्रकार को गाँव में नहीं घुसना है बोला गया काफ़ी देर के बाद सोनी पलाँगे अपना पक्ष रखने के लिये राजी हुई और सिर्फ़ इतना कहा कि ये सारी बातें निराधार है मैने किसी से पैसे की मांग नहीं की गयी है। जिससे पता चलता है की इस तरह के लोग यदि किसी भी गाँव में किसी भी प्रकार के पद पर रहे तो वो निश्चित ही समाज के लिए हानिकारक है ,अगर ऐसे लोगों पर समय रहते उचित कार्यवाही नहीं की गयी तो पता नहीं ये क्या कर दे अब देखना यह है कि जैजैपुर जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी पंचराम घृतलहरे जिन पर दबे स्वर में यह आरोप लगाया जाता है कि वे जातिगत कार्य करते हैं, वे अपने स्वजातिय आरोपी के साथ किस तरह से पेश आते हैं ।।

