प्रांतीय वॉच

कोरोना विस्फोट की स्थिति बना रहे लोग

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  • कंटेंटमेंट जोन और संक्रमित के परिजन कर रहे मर्यादा रेखा पार
  • गलती करेगी जनता और दोषी कहेंगे प्रशासन

राजनांदगांव । कोरोना संक्रमण की चेन को तोडने के लिए प्रशासन की ओर से बनाए गए कंटेंटमेंट जोन सहित पाजिटिव परिवार के सदस्यों के लिए निर्धारित किए तमाम तरह के नियमों बंधनों का इन्हीं परिवार के सदस्यों द्वारा जिस तरह से धज्जियां उडाई जा रही है। छुईखदान शहर में इन हालातों में कोरोना विस्फोट से कोई नहीं बचा सकता। और इसके लिए दोषी कोई और नहीं बल्कि कंटेंटमेंट जोन के निवासी और संक्रमित परिवार के सदस्य ही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस समय छुईखदान कंटेंटमेंट जोन के निवासी और संक्रमित परिवार के वो सदस्य जो आज संक्रमित नहीं है। वे अपनी मर्यादा रेखा और प्रशासनिक निर्देशों की धज्जियां उडाते हुए सूनसान और अंधेरा का लाभ उठाते हुए शहर की अन्य वार्डो में ठंडी हवा खाने पाऊच पान मसाला सिगरेट खरीदने के साथ ही लोगो से हाय हैलो के लिए निकल पड़े जा रहे हैं। जिसके कारण यहां कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति निर्मित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर यदि इन लोगो के कारगुजारियों के चलते छुईखदान शहर में नगर में कोरोना संक्रमण का ग्राफ ऊंचाई पर जाता है तो यही लोग इसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था एवं अधिकारियों को सिरे से दोषी ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे जबकि छुईखदान स्थित कोविड सेंटर में जो व्यवस्था मरीजों को दिया जा रहा है ।उससे अब तक किसी को कोई शिकायत नहीं मिली है। परन्तु इन नियमों को ताक पर रखने वालों को छुईखदान शहर में नगर का स्वास्थ्य और शांति शायद रास नहीं आ रही है और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि यह सब उन लोगो से हो रहा है जो छुईखदान शहर में नगर के पढे लिखे लोग कहलाते हैं। वही यदि तुलना करके देखा जाए तो इस प्रकार की नादानी नगर के कम पढे लिखे और गरीब कहलाने वालों से नहीं हो रहा है ।यदि वे ऐसा करते हैं तो यही लोग उन्हें फटकारनें में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इधर संपूर्ण छुईखदान शहर में शहर में लाकडाउन जारी है। बारबार टीवी रेडियो सोशल मीडिया स्थानीय प्रशासनके द्वारा एनाउंस आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा आपनी संपूर्ण शक्ति के साथ संक्रमण रोकने व उपचार में अपना सबकुछ झोंक दिया गया है ताकि लोगो को जो उम्मीद स्वास्थ्य कर्मियों से है उस पर वे खरा उतर सकें साथ ही अपने कर्तव्यों का शुद्ध अंतरूकारण से पालन कर सकें। परन्तु ये उनके इस मार्मिक पहलू को भी धता बता रहे हैंऔर घूम रहे हैं।

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