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छ.ग. में २७ प्रतिशत ओ बी सी आरक्षण समाज के साथ छ.ग. सरकार का जनता के साथ छलावा

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राजनांदगांव। राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना राजनांदगांव जिला प्रभारी कुुशाल सिंह राजपूत ने कहा कि छ.ग. के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूूपेश बघेल ने मंत्री परिवार की बैठक बुलाकर छ.ग. में सरकारी सेवाओं एवं शिक्षा विभाग में २७ प्रतिशत ओ बी सी आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया तथा जिसके आंकड़े राशन कार्ड के आधार पर तय करने का निर्णय लिया गया, इससे ऐसा प्रतीत होता है जैसा इनके राष्ट्रीय अध्यक्ष की राहुल गांधी आलू से सोना बनानेे की बात करते है छ.ग. के मुुख्यमंत्री जी का कहना है कि ओ बी सी के ४८ प्रतिशत राशन कार्ड है तो सामान्य वर्ग के लोग राशन कार्ड नही बनवाए है तो वो इस गणना में नही आयेंगे क्या? जबकि यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है, माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुुसार किसी भी राज्य में ५० प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नही दिया जा सकता फिर छ.ग. मुुख्यमंत्री कोरोना जैसी महामारी में अपनी विफलता को छुपाने के लिए जातिगत आरक्षण कार्ड खेलकर जनता को गुमराह करना चाहती है। सरकार अपने खिलाफ बन रहे जन आक्रोश को देखते हुए छ.ग. की जनता के मध्य विभाजन करने के लिए इस आरक्षण वाले मुद्दे को पुन: उठाया है। जबकि मुख्यमंत्री जी को मालुम है कि यह मुुद्दा हाई कोर्ट में लंबित है जिसे लागू कर पाना संभव नही है यदि वास्तव में छ.ग. के मुख्यमंत्री जनसंख्या अनुपात में आरक्षण देना चाहते है तो श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेवा मांग करती है कि माननीय मुख्यमंत्री तत्काल अपने मंडी मंडल को भंग करके जनसंख्या के अनुुपात में मंत्री मंडल का गठन करें। वर्तमान में मंत्रीमंडल में लगभग मंत्रीमंडल का गठन करें। वर्तमान में मंत्रीमंडल में लगभग मंत्री २२ प्रतिशत में भी नही ओ बी से आते है जबकि यह ४८ प्रतिशत लेने की बात की जा रही है । ३० प्रतिशत मंत्री समान्य वर्ग पे आते है । इसे लागू करना मुख्यमंत्री जी का विशेषाधिकार है जिसे तत्काल लागू किया जाएं और अगर नही कर सकते तो आम जनता को बेवकूफ ना बनाया जाए। विगत दिनों छ.ग. विश्व विद्यालय के उच्च पदों के महत्वपूर्ण पदों में ओ बी समाज के १ ही जाति को प्राथमिकता दी गई है जबकि वो जाति संपन्न वर्ग से आती है जिसे २७ प्रतिशत ओ बी सी आरक्षण का शिगुफा मुख्यमंत्री जी द्वारा छोड़ा जा रहा है, जिसका श्री राष्ट्रीय राजपूूत करनी होना पूूरजोर विरोध करती है, बहुुत जल्दी ही सभी वर्गो के प्रमुखों से चर्चा करके विरोध की रणनीति बनाई जाएगी। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मांग करती है कि एन एच एम के संविदा कर्मियों को नियमित किया जा जाएं जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाई माननीय स्वास्थ्य मंत्री का बयान निंदनीय है जिसमें कहा गया है कि इनको बर्खाश्त करके नई भर्ती करेंगे। जबकि छ.ग. में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पिछले १ साल से लंबित है, जिसेे तत्काल भर्ती प्रक्रिया को पूरी करें। तथा चुनावी घोषणा पत्र मेें बेरोजगार युुवाओं को २५००/- मानदेय देने का जो वचन दिया था उसे तत्काल लागू करें जबकि इसमें किसी आरक्षण की बात नही की गई थी जिसे सरकार स्पष्ट करें एवं युवा बेरोजगारों को तुुरन्त बेरोजगारी भत्ता देवें। श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना मांग करती है कि इन सभी मांगों को सरकार पूरा करें नही तो करनी सेना जल्दी ही आंदोलन की रणनीति बनाएगी।

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