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पुलिस महकमे में मचा हड़कंप, महिला पुलिसकर्मी ने अधिकारी पर लगाया अश्लील हरकत का आरोप, आईजी से शिकायत

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बिहार : पुलिस विभाग में कास्टिंग काउच का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक महिला पुलिसकर्मी दामिनी (बदला हुआ नाम) ने दरभंगा के आईजी दफ्तर में तैनात एक पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए आइजी से लिखित शिकायत भी की है. महिला ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि उनके दफ्तर में तैनात पुलिस अधिकारी शुभ करण ओझा ने न सिर्फ उनके साथ अश्लील हरकत की बल्कि उनके बदन और प्राइवेट पार्ट को गलत नीयत से छूने जैसी हरकत भी की. साथ ही महिला ने यह भी कहा कि वे सरकारी कामकाज निपटारे के लिए आईजी दफ्तर जाया करती थीं, तभी जान पहचान हुई और एक निजी काम कराने के बदले शुभ करण ओझा उनके करीब आए. उसके बाद फोन पर अश्लील बातें और अश्लील मैसेज करने लगे. अपने बड़े अधिकारी की बात समझ महिला पुलिसकर्मी बहुत कुछ बर्दाश्त करती रही लकिन जब शारीरिक संबंध बनाने पर जोर दिया गया तब उसके बर्दाश्त की सीमा टूट गई और इसकी लिखित शिकायत सीधे दरभंगा के आईजी की. साथ में अश्लील मैसेज और अश्लील बातों के ऑडियो भी सबूत के तौर पर दिए. मामला सामने आते ही आईजी ने पूरे मामले की जांच एसएसपी को करने का आदेश दिया जिसके बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई है. एसएसपी ने गंभीरता के साथ जांच शुरू भी कर दी है. महिला पुलिसकर्मी ने लगाया बिहार पुलिस में कास्टिंग काउच का आरोप. दरअसल, दामिनी ने 60 हजार रुपये एक पुलिसकर्मी रागीव आलम खां को निजी तौर पर कर्ज दिया था. काफी समय बीत जाने के बाद भी वह पैसा लौटाने में आनाकानी कर रहा था. पीडि़त महिला को लगा कि पैसा डूब न जाए इसलिए आईजी के रीडर शुभ करण ओझा से मदद मांगी. दामिनी ने आईजी के रीडर से कहा कि आप आईजी दफ्तर में है, अगर आप रागीव आलम खां को पैसे लौटाने की बात कह दें तो शायद वह डर के मारे पैसा लौटा दे और हुआ भी ऐसा ही. रीडर के कहने पर रागीव आलम ने पूरा पैसा दामिनी को लौटा दिया. दामिनी को पैसा तो मिल गया लेकिन दूसरी परेशानी सामने खड़ी हो गई. जब कोई रास्ता नहीं बचा तो वरिष्ठ अधिकारी के पास अपनी फरियाद लगाई. अधिकारी से शिकायत के बाद भी दामिनी की परेशानी नहीं कम हुई. अब उसने आरोप लगाया ही रागीव आलम खां और आईजी के रीडर ओझा एक हो गए और उन्हें तरह-तरह से न सिर्फ प्रताडि़त कर रहे है बल्कि अपनी पहुंच से उन्हें तंग और तबाह किया जा रहा है. साथ ही उन्हें तरह-तरह की धमकी भी मिल रही है. हालांकि पीडि़त महिला दामिनी ने दो लिखित आवेदन अपने अधिकारी को सौंपे हैं, एक रागीव आलम खां के खिलाफ जिसमें उन्होंने रागीव आलम के खिलाफ फोन करने, धमकाने और रास्ते पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने की शिकायत की. वहीं, आईजी के रीडर के खिलाफ अश्लील बातें करने, गलत नीयत से प्राइवेट पार्ट छूने और अश्लील मैसेज के साथ फोन पर अश्लील बातें करने का आरोप लगाया है. महिला ने कैमरे पर बताया कि यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. महिला पुलिसकर्मी उनकी डिमांड पूरी कर दें तो उसे ड्यूटी करने में सहूलियत दी जाती है नहीं तो उसे तंग और तबाह किया जाता है. महिला की मानें तो पुलिस विभाग में कास्टिंग काउच जमकर है. तभी रह-रह कर विभाग के लोगों की अश्लील तस्वीरें बाहर आती रहती हैं लेकिन कोई महिला पुलिसकर्मी डर से अपनी बात नहीं रख पाती लेकिन वह पीछे हटनेवाली नहीं. दामिनी दोनों आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग कर रही है. दामिनी ने कहा कि शिकायत के कई दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी मस्ती में घूम रहा हैं और जांच के नाम पर उन्हें तंग किया जा रहा है. उन्हें यहां से न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखी, जिसके बाद उसने मीडिया का सहारा लिया है. दामिनी ने बताया कि शिकायत के बाद उनके ऊपर बहुत दबाव बनाया जा रहा है कि मामले को पैसे लेकर रफा-दफा कर दो, यह सब छोटी-मोटी बात है. ऐसा यहां चलता रहता है लेकिन दामिनी ने डंके की चोट पर कहा इज्जत बेचकर वह नौकरी नहीं करेगी. इधर पूरे मामले पर दरभंगा के एसएसपी बाबू राम ने कहा कि दो शिकायत उन्हें महिला सिपाही के तरफ से मिली हैं जिसमें एक सिपाही के ऊपर पैसों के लेन-देन और धमकी देने का आरोप लगाया गया है और दूसरी शिकायत में एक पुलिस के अधिकारी पर अश्लील हरकत करने और अश्लील बातें करने का आरोप लगाया गया है. दोनों मामलों की जांच शुरू कर दी गई है. आरोप सिद्ध होने पर जरूरी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही पीडि़त महिला की सुरक्षा की जिम्मेवारी दरभंगा डीएसपी को दी गई है. फिलहाल पूरे मामले की जांच आतंरिक परिवार समिति से कराई जा रही है ताकि महिला किसी दबाब के बिना अपनी पूरी बात रख सके और महिला द्वारा दिए सभी सबूत की बारीकी से जांच हो सके. दूसरी तरफ पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोप लगने के तुरंत बाद आरोपी आईजी के रीडर शुभ करण ओझा छुट्टी लेकर लापता है.

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