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सरपंचों का सीईओ पर आरोप लगते ही सीईओ तिलमिला गए

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  •  सीईओ को नहीं हटाया तो करेंगे आंदोलन जिसकी जिम्मेदारी होगी प्रशासन
बीजापुर : गौरतलब है कि जनपद पंचायत भोपालपटनम के ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने सीईओ भोपालपटनम को तत्काल प्रभाव से हटाने जिला पंचायत सीईओ बीजापुर को ज्ञापन सौंपकर गंभीर आरोप लगाया कि पंचायतों में हो रहें निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने कार्य स्थल पहुंचकर बेहतर निर्माण कार्य करने के बावजूद भी सीईओ निजी स्वार्थ साधने निर्माण कार्य में त्रुटि निकालकर नोटिस जारी करना पेमेंट रोकना गुणवत्ता कार्य को गुणवत्ता विहीन करार देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाना जिले में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। वही सरपंचों की मानें तो निर्माण कार्य के विषय में सीईओ ने जो दूषित खिचड़ी पकाया गया उसका कड़ाई से पालन नहीं करने वाले सरपंचों एवं सचिवों पर अ‌नुशासनात्मक कार्यवाही करने ग्राम पंचायतों के सरपंचों के मध्य परोसा गया यह खिचड़ी सरपंचों को आजम नहीं हो सका। बहरहाल यह खिचड़ी सरपंचों को आजम होना भी बेमानी साबित होगा। मसलन बीजापुर नक्सल प्रभावित जिला है यह किसी से छुपा नहीं हैं। जिसके कारण यहां जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है। बावजूद इसके ग्राम पंचायतों में किसी तरह हो रहें बेहतर रोजगार मूलक कार्यो को नजरंदाज करते हुए सीईओ के द्वारा सरपंचों में परोसें गए खिचड़ी में गड़बड़ी का मुलाहिजा कराने ज़िला पंचायत सीईओ पोषण लाल चन्द्राकार को शनिवार को ज्ञापन सौंपाने की खबर पब्लिसिटी एवं जनपद पंचायत भोपालपटनम में आई तो हड़कंप मच गया। आखिर सरपंचों और सीईओ के बीच पनपे तनातनी के तिलिस्म को तोड़ने एवं जनहित में परोसने मीडिया का तांता लगा रहा। दरअसल सीईओ की छवि धूमिल करने की मंशा से उनके दमन में लगे आरोप को सीईओ भले ही बेबुनियाद बता रहे हो लेकिन आरोप से सीईओ तिलमिला गए। उल्लेखनीय है कि मानसिक रूप से प्रभावित करने के अनुक्रम में तीन माह से त्रस्त सरपंच संघ और सचिव संघ ने इन दिनों सीईओ के कार्यप्रणाली को विवादों के कटघरे में खड़े कर दिया। ज्ञात हो कि कार्ययोजना का प्लानिंग करने के बजाय ऐसी और टाईल्स लगे चमचमाती बंगले में बैठकर ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्य भी उनके तानाशाह रवैया के वजह से प्रभावित हो गए। कोविड 19 के संकटकाल के समय शासन कीमहत्वाकांक्षी योजनाओं का संपादित ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है। साथ ही योजना के बारे में गलत जानकारी कलेक्टर बीजापुर को लिखित में सूचना दे रहे है। बंजारे ने जनपद का कार्यभार संभाले तीन माह बीतने को हैं। लेकिन इस दरमियान सरपंचों के साथ एक बार खानापूर्ति बैठक का आयोजन कर इतने में ही सीईओ इतिश्री समझ रहें। उसके बाद से कोरोना का झांसा देकर आज पर्या़त तक सरपंचों का बैठक नही बुलाया गया और न ही शासन के द्वारा संचालित योजनाओं के संदर्भ में क्षेत्र के भोले-भाले सरपंचों को कोई जानकारी देना जवाबदेह अधिकारी मुनासिब नहीं समझे। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरपंचों और सीईओ के बीच जो तनातनी का माहौल इन दिनों बना हुआ है उससे विकास कार्य बंधित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह होगा कि जिला पंचायत सीईओ मामले को कितनी गंभीरता से लेते है या फिर सरपंचों और सीईओ के बीच विवाद को आपस में समझ पाने में हुई त्रुटि बताकर सीईओ को हटाने की मांग पर खामोश का पर्दा उड़ेल दिया जायेगा।

क्या कहते हैं जिला पंचायत सीईओ

सीईओ बंजारे पर लगे आरोप  को जिला पंचायत सीईओ मीडिया से दूरभाष पर हुई औपचारिक चर्चा में कहा एक ग्राम पंचायत में एक ही सरपंच होता है। इस लिहाज़ से कोरोना संक्रमण काल में सामाजिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पांच से छै ग्राम पंचायतों के सरपंचों के साथ जनपद में बैठक का आयोजन कर शासन से संचालित योजनाओं के संदर्भ में उन्हें उचित मार्गदर्शन देकर जागरुक किया जा सकता था, उक्त मामले में जांच समिति गठित कर मामले की निष्पक्ष जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता हैं।
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