नगरी : विकाशखण्ड के अंतर्गत ग्राम कोटरवाहि के नरेंद्र कुमार अपने परिवार के साथ एक टूटे फूटे मकान में निवास करते हैं।दो छोटे छोटे बच्चे और अपनी पत्नी के साथ जर्जर मकान में भय के साथ जीवन बिताना इनकी नियति बन गई है।प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चक्कर काटने के बाद थक हार कर निराश नरेंद्र और उनके परिवार के समक्ष बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा हो गया।मकान की हालत कुछ ऐसी की बरसात के दिनों में आसमान से बरसने वाला पानी सीधे कमरों में भर जाता है वही तेज हवा चलते ही पूरा परिवार मकान के बाहर निकल जाता है इस भय से की कही हवा के झोखे में जर्जर मकान अपना अस्तित्व ही न खो दे। अनेक जगहों पर मकान निर्माण के लिए मदद के हाथ फैलाने के बाद नरेंद्र ने कर्ज लेकर छोटे से मकान का निर्माण प्रारम्भ किया।इस बीच कुछ जन प्रतिनिधियों ने आश्वासन का झूला भी झुलाया किन्तु मदद की बारी आते ही ये जनप्रतिनिधि भी झांकने तक नही आये।जैसे तैसे कर्ज के बोझ तले दबे नरेंद्र अपने परिवार की सुरक्षा के लिए एक छोटे से मकान की निर्माण का कार्य तो शुरू कर दिया है किंतु आर्थिक तंगी के चलते उसके सपनो का मकान आकार नही ले पा रहा है।नगरी के समाजसेवी अनिल वाधवानी,सन्नी छाजेड़,व अमन टहलवानी ने गरीब नरेंद्र की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और अपने तरफ से 10 बोरी सीमेंट की व्यवस्था कर पुनः एक बार मकान निर्माण की गति को बढ़ाने का प्रयास किया है।नरेंद्र का कहना है कि जैसे तैसे करके वह मकान निर्माण को छज्जा लेवल तक तो ले आया है किंतु आगे के निर्माण के लिए कर्ज और मदद का ही सहारा नजर आता है।कूकरेल क्षेत्र के कोटरवाहि के इस गरीब नरेंद्र और उसके परिवार के सर पर छत हो और इनके अबोध बच्चे सुरक्षित जीवन जी सके इसके लिए समाजसेवियों से मदद की आस है।ऐसे में नरेंद्र को भी सोनू सूद जैसे मसीहे की तलाश है।किंतु यदि समाजसेवी जन नरेंद्र के मकान निर्माण में अपनी छोटी छोटी सहायता ही पहुँचा सके तो नरेंद्र व उसके परिवार को जीवन बसर करने के लिए एक छत नसीब हो जाएगी,और किसी गरीब की दुआएं मिल जाएगी।फिलहाल सहयोग कर्ताओ के रूप में आगे आये अनिल वाधवानी, सन्नी छाजेड़ व अमन टहलवानी को नरेंद्र व उसके परिवार ने लाखों दुआए दी है
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