नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सीमा से सटे इलाकों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हर हरकत पर नजर भारतीय सेना नजर बनाए हुए है। बीते 20 दिनों में भारत और चीन के बीच उत्तरी पैंगोंग झील के समीप फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएं हुई हैं। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच 100-200 राउंड हवाई फायरिंग की गई। 45 साल में यह पहली बार है जब एलएसी पर फायरिंग की कोई घटना हुई हो।
सेना के सूत्रों ने कहा कि पहली घटना तब हुई जब भारतीय सेना ने 29-31 अगस्त के बीच दक्षिणी बैंक पंगोंग झील के पास ऊंचाइयों पर कब्जा करने की चीनी कोशिश को नाकाम कर दिया, जबकि दूसरी घटना 7 सितंबर को मुखपारी के पास हुई। सेना के सूत्रों ने कहा कि तीसरी घटना में 8 सितंबर को पैंगोंग झील के उत्तरी तट के पास हुई थी। इस दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों ने 100 से अधिक राउंड हवाई फायरिंग की थी। इस दौरान चीनी सेना बहुत आक्रामक तरीके से बर्ताव कर रही थी।
यह घटना ऐसे समय में हुई थी जब शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर मॉस्को में थे, जहां सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए चीनी समकक्ष से उन्होंने मुलाकात की थी। बातचीत के दौरान दोनों पक्ष कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता करने वाले थे, लेकिन अभी तक चीनी पक्ष की ओर से तारीख और समय की पुष्टि नहीं की गई है।
भारत और चीन ने सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर अप्रैल-मई से कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक इसका कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकला है। दोनों देशों के बीच इस साल अप्रैल-मई से तनाव चल रहा है। पोंगोंग झील के पास कोंगरूंग नाला, गोगरा और फिंगर क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा की गई घुसपैठ की कोशिशों के बाद गतिरोध और बढ़ गया है। चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सेना ने अब लद्दाख में सेना की तैनाती को कई गुना बढ़ा दिया है, ताकि चीनी सेना द्वारा किसी भी आक्रामक कदम का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।