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जे.एस.पी.एल. में कल होगी पूजा

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रायपुर : नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के मंदिर हसौद स्थित परिसर में कल प्रातः इंजीनियरों-शिल्पकारों-रचनाकारों के ईष्टदेव भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा परम्परागत उत्साह और भक्ति भाव से की जाएगी। इस अवसर पर कोविड19 से जुड़ी सावधानियों का ध्यान रखते हुए सीमित संख्या में कर्मचारी उपस्थित होंगे, जो मास्क लगाने के साथ-साथ दो गज की दूरी का भी ध्यान रखेंगे।

यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जेएसपीएल प्रतिष्ठान परिसर में स्थित मंदिर में नियमित पूजा-पाठ और अनुष्ठान कराने वाले पं. वी.पी. पांडेय कहते हैं कि विधिपूर्वक भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा करने से रोजगार और व्यवसाय में तरक्की मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसारभगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पी कहा जाता है। वे निर्माण एवं सृजन के देवता हैं। वे संसार के पहले इंजीनियर और वास्तुकार कहे जाते हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसारसंसार में जो भी निर्माण या सृजन कार्य होता हैउसके मूल में भगवान श्री विश्वकर्मा जी विद्यमान होते हैं। उनकी आराधना से कोई भी कार्य बिना विघ्न पूरे हो जाते हैं। पौराणिक आख्यानों के अनुसार विश्वकर्मा जी ने सृष्टि की रचना में ब्रह्मा जी का सहयोग किया तथा पूरे संसार का मानचित्र बनाया। भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने स्वर्ग लोकश्रीकृष्ण की नगरी द्वारिकासोने की लंकापुरी मंदिर के लिए भगवान श्री जगन्नाथजीबलभद्रजी एवं सुभद्राजी की मूर्तियोंइंद्र के अस्त्र वज्र आदि का निर्माण किया। ऋग्वेद में श्री विश्वकर्मा जी के महात्म्य का उल्लेख है।

जेएसपीएल के मंदिर हसौद परिसर में प्रत्येक वर्ष धूमधाम से भगवान श्री विश्वकर्मा जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जिसमें सभी कर्मचारी सपरिवार सम्मिलित होकर अनुष्ठान करते हैं। लेकिन कोविड19 महामारी के प्रति सतर्कता और सुरक्षा की वजह से इस बार बाहरी व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों के आने पर रोक लगाई गई है।

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