बिलासपुर. कई अस्पताल इंसानियत की सारी हदें पार करते हुए लोग़ों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। लोगों को कोरोना का डर दिखा कर लूटा जा रहा है। कोरोना की आड़ में निगेटिव मरीजों से भी मन चाहे पैसे लूटे जा रहे हैं।ऐसा ही एक ताज़ा मामला सोमवार को प्रकाश में आया है जिसमें अपोलो प्रबंधन का नया कारनामा उजागर हुआ है।
एक 20 वर्षीय युवक की तबियत बिगड़ने पर उसे अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहाँ डॉक्टर पहले तो युवक को कोरोना पॉजिटिव बताए , फिर उसे अन्य कई बीमारियों से ग्रसित होने का दावा करते रहे। इसी बीच उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं जब मौत के बाद उसकी जांच कराई गई तो मृतक की रिपोर्ट नेगेटिव आई जिसे सुनकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।जानकारी के मूताबिक मृतक को कोरोना पॉजिटिव बता कर उसके परिजनों से लाखों रुपए वसूल किए गए और बाद में उसकी रिपोट निगेटिव आ गई। वहीं इस पैसे के खेल में युवक की सांसें थम गई।
बदनाम होते जा रहा अपोलो अस्पताल
जब जिले में अपोलो अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा था,तब लोग इसे संजीविनी समझ रहे थे, पर उन्हें क्या पता था जिसे वे संजीवनी समझ रहे हैं वो भविष्य में लोगों के लिए अभिशाप बन जाएगा। कहने को तो अपोलो अस्पताल में हर बीमारी का उपचार होता है पर यहाँ के डॉक्टर अब मरीज की जान बचाने के बजाय सिर्फ पैसे ऐंठने पर आमादा हैं। हाल ही में अपोलो अस्पताल के एक डॉक्टर के ऊपर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगा है जिसका विरोध अभी भी जारी है। परिजनों के अलावा शहरवासी भी उस डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की बात कर रहे हैं। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें अपोलो अस्पताल के ऊपर कलंक लगा है इसके बावजूद अपोलो प्रबंधन अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। वैसे तो डॉक्टर भगवान का रुप होते हैं पर अपोलो अस्पताल के डॉक्टर यमराज बनते जा रहे हैं। यहां भर्ती मरीज के पीछे उनके परिजन लाखों खर्च करते हैं क्योकि उनके परिवार के सदस्य की जान बच जाए पर अंत में उनके हाथ में लाश थमा दी जाती है।