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नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से 4 लाख रु. की ठगी…मास्टर माइंड समेत 4 गिरफ्तार

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कवर्धा । थानों में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवाओं से 4 लाख रुपए की ठगी हुई है। जालसाजों ने युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया था। नियुक्ति पत्र लेकर जब युवा अलग- अलग थानों में ज्वाइनिंग देने पहुंचे, तब उन्हें ठगी का पता चला। मामले में कवर्धा पुलिस ने बोरसी रोड दुर्ग पहुंचकर ठग गिरोह के मास्टर माइंड संदीप मेश्राम समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जहां उनका ऑफिस था। आरोपियों के पास से कंप्यूटर, लैपटॉप, 93 हजार रुपए कैश समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। एसपी ऑफिस में सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस हुई, जहां एसपी केएल ध्रुव ने पूरे मामले का खुलासा किया। पकड़े गए आरोपियों में संदीप पिता शरद मेश्राम निवासी वार्ड नंबर- 4 मेरेगांव के पास अंबागढ़ चौकी (राजनांदगांव) है, जो ठगी का मास्टर माइंड है। वहीं आरोपी पोखराज पिता रामचंद देवांगन ग्राम चचेढ़ी थाना पिपरिया, संजय पिता पंचू सिंह राजपूत ग्राम दामापुर थाना कुंडा, और तरूण राजपूत निवासी ग्राम दामापुर थाना कुंडा उसके लिए काम करते थे।

दुर्ग पहुंचे बेरोजगार युवाओं को जॉब ऑफर किए थे
बोरसी रोड दुर्ग में मास्टर माइंड संदीप मेश्राम ने आरजेएन इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक प्लेसमेंट एजेंसी खोला था। उसके लिए काम करने वाले आरोपी पोखराज, संजय और तरुण राजपूत ने जून 2020 में ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को थानों में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। बताया कि आरजेएन कंपनी को सीसीटीएनएस कार्य के लिए कबीरधाम जिले के सभी न्यायालय और थानाें में डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति करने कांट्रेक्ट मिला है। इसके लिए डिप्लोमाधारी युवाओं का चयन करना है। उक्त कंपनी के संचालक संदीप उसके परिचित के हैं। इस पर नौकरी की तलाश में भटक रहे युवा झांसे में आ गए। 23 जून को सभी दुर्ग स्थित कंपनी के ऑफिस पहुंचे, जहां मास्टर माइंड संदीप ने सभी का बायोडाटा, टाइपिंग टेस्ट लेकर उनके आधार कार्ड लेकर जॉब ऑफर किया। नियुक्ति के बाद 12,200 रुपए प्रतिमाह वेतन, पीएफ, मेडिकल सुविधा और प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि की स्कीम भी बताई।

ज्वाइनिंग देने पहुंचे तो पीड़ितों को ठगे जाने का पता चला 
पैसे मिलने पर आरोपी संदीप मेश्राम ने सभी युवाओं को मोबाइल वाट्सएप के जरिए 17 अगस्त 2020 को ज्वाइनिंग लेटर भेज दिया। नियुक्ति पत्र में 15 अगस्त को ज्वाइनिंग देने का उल्लेख था। इस पर पीडि़त युवा अलग-अलग में ज्वाइनिंग देने पहुंचे, तब उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता चला। पुलिस ने धारा 197, 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर आरोपियों की खोजबीन शुरु की। जांच के पश्चात बोरसी रोड दुर्ग से गिरोह के चारों सदस्यों को गिरफ्तार किया।

ट्रेनिंग के बाद ली थी रकम 
जाल में फांसने के बाद आरोपी संदीप मेश्राम ने युवाओं को प्रशिक्षण के लिए बुलाया। जुलाई 2020 में सभी को सीसीटीएनएस में एफआईआर कैसे की जाती है, एंट्री कैसे करते हैं आदि प्रशिक्षण दिया। प्रत्येक युवा से कंप्यूटर सिस्टम खरीदने के लिए 25-25 हजार रुपए जमा करा लिया।

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